दरअसल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने मध्य प्रदेश की अपनी ही पार्टी की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। वहीं सूत्रों के अनुसार ऐसे में तन्खा के चलते कमलनाथ सरकार में हडकंप मच गया है। वहीं भाजपा कांग्रेस पर हमले के लिए फिर सक्रिय हो गई है।
तन्खा ने दो ट्वीट कर कहा कि टोकन देने के बाद भी किसानों की फसल पोर्टल पर नहीं चढ़ाई जा रही है। इस कारण उन्हें फसल का भुगतान नहीं मिल पा रहा है।
वहीं ये भी बताया जाता है कि इस संबंध में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही किसानों के साथ न्याय नहीं हुआ तो वह सरकार के खिलाफ कोर्ट में खड़ा होने से हिचकेंगे नहीं, चाहे सरकार किसी की भी हो। वहीं एक मीडिया समुह से बातचीत में तन्खा ने कहा कि किसानों को न्याय दिलाने के लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। इसके तत्काल बाद सीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि प्रदेश में 25 लाख किसानों की कर्जमाफी की गई है, जो ऐतिहासिक है।पहला ट्वीट- मध्य प्रदेश के कई जिलों में किसान परेशान हैं। उपज का टोकन प्राप्त होने के बावजूद उपज सरकारी एजेंसी के पास जमा है। फिर भी पोर्टल पर नहीं चढ़ाई जा रही है। केंद्र सरकार की वित्तीय रोक एवं चुनाव आयोग के नियमों की बात की जा रही है। ये किसान भाइयों के हक का हनन है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस की कर्ज माफी सिर्फ पाखंड है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को दो लाख रुपये का कर्ज माफ करने के झूठे सपने दिखाए। अब उम्मीद पूरी न हो पाने से वह निराश हैं।
तन्खा ने ट्वीट कर कमलनाथ सरकार के किसान हितैषी होने के सारे दावे की पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि वह जहां भी जाते हैं तो किसान फसल का मूल्य न मिलने की शिकायत करते हैं।
यहां के किसानों ने बताया कि करी 3-4 माह पहले सोसायटी द्वारा धान की खरीदी की गई थी, जिसके बाद अब चना, गेहूं की फसल तैयारी के करीब है, लेकिन अब तक धान का पैसा ही नहीं दिया गया, तो ऐसे में दूसरी फसल के लिए किसान को मजबूरन ऋण लेना पड़ रहा है। जिससे ऐसा लगता है कि सरकार कि ही मंशा नहीं है कि वो किसानों को कर्ज मुक्त करे।
ऐसी स्थिति को देखते हुए जानकारों का भी मानना है कि कई महीनों से किसान फसल के भुगतान के लिए परेशान हैं पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है। वहीं बताया जाता है कि इस समस्या की जड़ सरकार का जस्ट इन टाइम सॉफ्टवेयर है।
इस सॉफ्टवेयर की तकनीकी खराबी के कारण कई जिलों में किसानों को दो-दो बार भुगतान हो गया। इसके चलते कई किसानों का भुगतान रुका पड़ा है। मुख्य सचिव ने पुराने सिस्टम से भुगतान करने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक प्रमुख सचिव की जिद के चलते दोनों तरह के भुगतान रुके हैं।