मंदिर के लिए पहले भगवान महावीर की पदमासन प्रतिमा तैयार की जा रही है। इसके बाद दीवारों और छत का काम शुरू होगा। प्रतिमा बनाने के लिए खासतौर से वियतनाम से 32 टन सफेद मार्बल मंगाया गया है, जो 50 लाख रुपए का है। इस मार्बल से प्रतिमा का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद राजस्थान के मार्बल से मंदिर का निर्माण होगा। मंदिर समिति के अध्यक्ष अमर जैन ने बताया कि वियतनाम के संगमरमर की खासियत यह है कि यह दूधिया और चिकना होता है और काला नहीं पड़ता। यह मार्बल डेढ़ लाख रुपए टन की कीमत से आया है। इसके लिए दो शिलाएं मंगाई गई है, छोटी शिला से कमल पुष्प का निर्माण किया जाएगा और बड़ी शिला से प्रतिमा का निर्माण होगा। इसका कार्य शुरू हो गया है।
दो साल में तैयार होगा मंदिर
टीन शेड स्थित यह तिमंजिला मंदिर आने वाले दो सालों में पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इस मंदिर की कुल ऊंचाई 121 फीट रहेगी, जो शिखर तक रहेगी। मंदिर लगभग एक एकड़ में रहेगा। इस मंदिर का निर्माण कार्य लगभग 12 से 15 करोड़ रुपए में होने का अनुमान है। यहां भगवान महावीर की मुख्य पदमासन प्रतिमा के साथ-साथ अन्य देवताओं की प्रतिमाएं भी विराजमान रहेगी। इस मंदिर के निर्माण के लिए आचार्य प्रणाम सागर महाराज से मार्गदर्शन लिया जा रहा है।
जैसे सरकार बहुमत से चलती है, वैसे ही जीवन में भी अच्छे कर्मों का बहुमत होना चाहिए
भोपाल। जीवन की गाड़ी समान रूप से चलाने के लिए भावों का भी समान होना बहुत आवश्यक है। जैसे हवा वर्षा को लाती है और ले जाती है उसी प्रकार हमारे स्वयं के अच्छे-बुरे भाव भी सुख-दुख को लाते हैं और ले जाते हैं। सुख-दुख हमारे जीवन में दिन और रात की तरह हैं । इनका पैमाना हमारे स्वयं के कर्म और भाव होते हैं। यह उद्गार मुनि विद्या सागर महाराज ने चौक जैन धर्मशाला में आयोजित धर्मसभा में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लोकतंत्र में सरकार बहुमत से चलती है उसी प्रकार आपके जीवन में अच्छे कर्म जितने ज्यादा होंगे उसी प्रकार जीवन चलेगा। कर्म किसी को नहीं छोड़ते सम्येक दृष्टि जीव वही है जो समय रहते अच्छे-बुरे को समझकर स्व और पर के कल्याण में लग जाता है। मुनिश्री ने कहा कि गरीब होना अपराध नहीं है पर मन का गरीब होना बहुत बड़ा अपराध है। जीवन में कैसी भी परिस्थितियां हों मन को सदैव सकारात्मक दृष्टिकोण धारण करते हुए अच्छे कार्यों में गतिशील करना चहिए। धर्मसभा में मुनिश्री विद्या सागर महाराज, मुनिश्री शंाति सागर महाराज और मुनिश्री प्रशांत सागर महाराज मंच पर विराजमान थे। चौक महिला मण्डल की सदस्यों द्वारा मंगलाचरण कर धर्मसभा की शुरुआत की गई।
गुरु की संगति से विचार व परिणाम भी विशुद्ध हो जाते हैं: आचार्य
भोपाल। आचार्य निर्भय सागर महाराज ससंघ श्री दिगंबर जैन मंदिर ग्रीन पार्क कालोनी में विराजमान हैं। गुरुवार को उन्होंने प्रवचन देते हुए जिसकी जैसी संगति होगी उसके विचार और परिणाम वैसे ही होंगे। आचार्य ने बताया कि ने कहा कि बच्चों को अपने धर्मगुरु के बारे में बताना चाहिए। आचार्य श्री को आहार देने का सौभाग्य अमृतलाल के परिवार को मिला।