मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी कम्युनिटी स्प्रैड की स्थिति न बने, इसके लिए सभी कलेक्टर्स गहन सर्वे, कान्टेक्ट ट्रेसिंग, टैस्टिंग के साथ ही संक्रमित क्षेत्रों में सख्ती से लॉकडाउन का पालन तथा अन्य सभी सावधानियां सुनिश्चित करें।
एसीएस हैल्थ सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना मृत्यु दर 4.3 प्रतिशत है, जबकि देश की मृत्यु दर 2.8 प्रतिशत है। कोई मृत्यु न हो, पूरा ध्यान रखें
रीवा जिले की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जिले में कोरोना से कोई मृत्यु न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। कलेक्टर ने बताया कि जिले में 35 कोरोना पॉजिटिव मरीज थे, जिनमें से 10 डिस्चार्ज हो गए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या 25 है। जिले में कोरोना से कोई मृत्यु नहीं हई है।
प्रवासी मजदूरों से संक्रमण न फैले इस बात की पूरी सावधानी रखी जाए। उनका स्वास्थ्य परीक्षण तथा ठीक ढंग से क्वारेंटाइन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। क्वारेंटाइन सेंटर्स पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं हों। वहां आयसोलेशन के साथ शुद्ध भोजन, स्वच्छ जल, पंखे तथा शौचालय की अच्छी व्यवस्था हो।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य सुलेमान ने बताया कि प्रदेश में एक्टिव प्रकरणों में कमी आई है। 29 मई की स्थिति में 192 कोरोना के नए संक्रमित मरीज मिले, वहीं 219 मरीज स्वस्थ होकर घर गए। प्रदेश में एक्टिव केसेज की संख्या 3042 है। प्रदेश की कोरोना रिकवरी रेट 56 प्रतिशत हो गई है, देश की रिकवरी रेट 42.8 प्रतिशत है।
एसीएस हैल्थ ने बताया कि उज्जैन का ट्रॉमा सेंटर कोविड अस्पताल के रूप में तैयार हो गया है। अमलतास अस्पताल देवास भी अनुबंधित कर लिया गया है। अब आर.डी. गार्डी अस्पताल की आवश्यकता नहीं है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि इंदौर, भोपाल एवं उज्जैन की कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं पर 3 वरिष्ठ अधिकारी विशेष नजर रखेंगे। एसीएस हैल्थ सुलेमान इंदौर की, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई भोपाल की तथा प्रमुख सचिव संजय शुक्ला उज्जैन की व्यवस्थाओं पर विशेष नजर रखेंगे।