डॉ. पंकज श्रीवास्तव, रिटायर्ड PCCF (प्रधान मुख्य वन संरक्षक), पूर्व निदेशक भारतीय वन प्रबंधन संस्थान
4,67,400.00 रुपए वसूले
संजय शुक्ला, APCCF-IT (PCCF)
3,27,100.00 रुपए वसूले
अनिल श्रीवास्तव, रिटायर्ड PCCF (प्रधान मुख्य वन संरक्षक)
72600.00 रुपए वसूले
डॉ. पीसी दुबे, रिटायर्ड PCCF
39360.00 रुपए वसूले
ओपी शर्मा, रिटायर्ड CCF (मुख्य वन संक्षक)
21800.00 रुपए वसूले
बीसी अन्नागेरी, APCCF, फील्ड डायरेक्टर बांधवगढ़ Tiger Reserve
21600.00 रुपए वसूले
लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता (Justice NK Gupta) ने पत्रिका की खबर के आधार पर स्वत: संज्ञान लेकर जांच शुरू की। इसमें सच उजागर हुआ और अधिकारियों को Misconduct का दोषी माना गया। वसूली के नोटिस जारी हुए और नानुकुर करते हुए अफसरों ने राशि सरकारी खजाने में जमा करवाई। अब 9 फरवरी को यह मामला नस्तीबद्ध कर दिया गया है।
ऐसे हो रही थी सांठगांठ
इंदौर से खंडवा तबादला होने के बाद भी IFS अनिल श्रीवास्तव ने करीब सवा साल तक मकान खाली नहीं किया। इस पर तत्कालीन वन संरक्षक वीके वर्मा ने 2016 में उन्हें notice थमा दिया। नोटिस में बाजार मूल्य से बकाया किराया साढ़े पांच लाख रुपए मांगा। श्रीवास्तव ने नोटिस को गलत बताते हुए अपील की, जिसे खारिज कर दिया गया। श्रीवास्तव नहीं माने और शासन के पास अपील कर दी। शासन में सचिव कैप्टन अनिल खरे ने वीके वर्मा के आदेश को संशोधित करते हुए किेराया राशि कम कर दी और कहा कि 72 हजार रुपए जमा करें। इससे सरकारी मकानों का बेजा इस्तेमाल करने वाले दूसरे IFS अधिकारियों के हौंसले बुलंद हो गए और उन्होंने भी आवदेन दे दिया। इसके बाद ही यह मामला खुला।