अदालत के अनुसार घोटाले में व्यापम के अधिकारियों से सांठगांठ कर 19 दलालों ने 57 परीक्षार्थियों का फर्जी चयन कराया गया है। घोटाले में पात्र विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड कर उनके कैरियर का सामूहिक नरसंहार किया गया है। ऐसे अपराध अपवादिक मामलों की श्रेणी में आते हैं। इस प्रकार के अपराध का समाज पर पडने वाले दुष्प्रभाव को दृष्टिगत रखते हुए जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता।
सीबीआई ने पिछले शुक्रवार को मामले में नए आरोपी बनाकर चालान पेश किया था। दलाल भरत मिश्रा, संतोष सिंह तोमर, तरंग शर्मा, दिलीप गुप्ता, और परीक्षार्थी रोहित राय, शशिकांत,कमलेश सिंह, शराफत अली, भोनू यादव, मनीष कुमार, सोरभ यादव, राहुल सिंह, प्रदीप कुमार पटेल, सूरज कुमार मिश्रा को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया था।
उनकी ओर से पेश जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। सीबीआई के वकील मनुजी उपाध्याय ने जमातन अर्जियों पर आपत्ति दर्ज कराकर बताया कि मामले में व्यापम के अधिकारियों से सांठगांठ कर दलालों ने अपात्र छात्रों की ओएमआर सीट में छेडछाड कर चयन कराया है। इससे पात्र छात्र चयन से वंचित रह गए। ऐसे में जमानत अर्जियां खारिज की जाएं।
आप के राज्यसभा सदस्य के खिलाफ परिवाद पेश आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के खिलाफ जिला अदालत में मानहानि का परिवाद दायर किया गया है। राजनैतिक मामलों के लिए गठित विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह की अदालत में भोपाल निवासी धु्रव सक्सेना की ओर से मानहानि का परिवाद पेश किया गया है।
अदालत ने परिवादी साक्ष्य के लिए 5 मार्च की तारीख तय की है। अदालत में पेश परिवाद में बताया गया है कि संजय सिंह ने 4 फरवरी को प्रेस कॉन्फेन्स में धु्रव सक्सेना पर आईएसआई एजेंट होने का गंभीर आरोप लगाया है। खबरें दो न्यूज चैनल्स पर प्रसारित हुई हैं। परिवाद में इन दोनों चैनलों के सीईओ को भी आरोपी बनाया गया है।