क्या कहते हैं चिकित्सक
डॉ. शर्मा ने बताया कि, हर दो हड्डियों के जोड़ में एक प्रकार का लिक्विड होता है, जो शरीर के हर बॉडी पार्ट को मूव करने में मदद करता है। मेडिकल भाषा में इसे लिगामेंट साइनोवायल फ्लूइड कहा जाता है। जो हड्डियों की ग्रीसिंग का काम करता है, लेकिन जब बार बार उंगलियां चटकाई जाती हैं तो इससे ये लिगामेंट कम होने लगता है, जिस कारण से हड्डियों में रगड़ पैदा होने लगती है। इस खाली जगह पर काबर्न डाई ऑक्साइड इकट्ठा हो जाता है, जिसके कारण जोड़ का दर्द शुरु हो जाता है, जो आगे चलकर गठिया में बदल जाता है।
बार-बार उंगलियों को चटकाने से इनमें खिंचाव होने लगता है। नतीजा ये होता है कि, हड्डियों में रगड़ पैदा हो जाती है। कुछ समय बाद ये आर्थराइटिस यानी गठिया में बदल जाता है। उंगलियां चटकाने से ज्वाइंट्स में सूजन आ जाती हैं जो बार बार चटकाने से गंभीर सूजन और दर्द का कारण बन जाते हैं। उंगलियों को छूने भर से वहां दर्द होता है। सॉफ्ट टिश्यूज में सूजन आ जाने से ये जीवनभर की समस्या का रूप ले लेता है।
इस तरह छुड़ाएं ये खतरनाक आदत
-अगर आपको भी उंगलिया चटकाने की आदत पड़ गई है और बिना उंगलियां चटकाए राहत नहीं मिलती तो आपके लिए ये चिंता का विषय है। इस घातक आदत से छुटकारा पाने के लिए आज ही से खुद को बिजी रखना शुरू कर दें ताकि, आपका ध्यान उंगलियां चटकाने पर नहीं जाए। क्योंकि, जब भी व्यक्ति के हाथों को कोई काम नहीं होता तो वह उंगलियां चटकाने के लिए उत्साहित होता है।
-जब भी हाथ उंगलियों को चटकाने की ओर बढ़े आप हाथ में कोई भी चीज ले लें। ताकि आपको तुरंत याद आ जाए कि, उंगलियां नहीं चटकाना।
-चिकित्सकों की माने तो जिस व्यक्ति को उंगलियां चटकाने की आदत हो और वो सिर्फ एक हफ्ते ही इसपर कंट्रोल कर ले तो उसकी ये आदत छूट सकती है।