राजधानी निवासी गीतिका सिंगर के रूप में जानी जा रही हैं। एजुकेशन में एमए करने के बाद पीएचडी कर रही हैं। टेलीविजन के रियालटी शो सारेगामा, राइजिंग स्टार में ये परफारमेंस दे चुकी हैं। साथ ही गजल के भी आयोजनों में हिस्सा। इतना सब करने के लिए इन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा। आंखों में होने वाली गंभीर बीमारी का शिकार होने के कारण कक्षा दसवीं के बाद इनकी आंखों की रोशनी लगातार कम होती है। कॉलेज स्तर तक दिखना लगभग बंद हो चुका है। प्रश्नपत्र हल करने राइटर के सहारे हल किए। वर्तमान में पीएचडी अंतिम चरण में हैं। नीट की परीक्षा पास कर चुकी हैं। संगीत के क्षेत्र में कॅरियर बनाने का सपना है।
भजन गायकी से शुरुआत गीतिका के पिता नगर निगम में दरोगा के रूप में काम करते थे। इन्होंने बताया कि बचपन में भजन गायकी का शौक था। लोगों को आवाज काफी पसंद आती थी। वहां से गायकी को बढ़ावा मिला। आंखों की बीमारी के बाद गायकी को और बेहतर करने की कोशिश की है। गीतिका ने संगीत की विधिवत शिक्षा लेना शुरू की। सबसे पहले उसने पंडित सिद्धराम स्वामी कोटवाल से संगीत की शिक्षा ली। इसके बाद न्होंने ग्वालियर घराने के उस्ताद अनवर हुसैन से ज्ञान लिया।
आंख के रेटिना में आई खराबी, अभी केवल पांच फीसद रोशनी गीतिका की मां बताती है कि आंख के रेटिना में दिक्कत आई। कई चिकित्सकों को दिखाने के बाद कोई इलाज नहीं हो सकता। बताया गया कि यह लाइलाज बीमारी है। अभी पांच फीसदी रोशनी ही बाकी बची है। इस कमी के बाद भी देश के मंचों पर यह नाम कम चुकी हैं।