पिता अंबाराम चौधरी ने बताया कि एस-4 में हम लोग बैठकर बातें कर रहे थे। ललिता ने अपनी मां से बाथरूम होकर आने की बात कही। वह करीब 10 मिनट में वापस नहीं लौटी तो उसकी मां उसको देखने पहुंची, लेकिन वह नहीं मिली। रिश्तेदार भंवरलाल ने ट्रेन की चेन खींची, तो ट्रेन रूक गई। ललिता की खोजबीन शुरू की, लेकिन वह नहीं मिली। इसके बाद अगले स्टेशन कालापीपल पर हम सभी उतर गए। यहां पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद सूचना मिली कि खजूरी इलाके में पटरी किनारे एक युवती का शव पड़ा है। यहां हम पहुंचे और ललिता की पहचान की।