एक्टिवा का लॉक सबसे कमजोर, इसलिए पहली पसंद
राशिद का कहना कि एक्टिवा का सेंटर लॉक सबसे कमजोर होता है। पैर से झटका मारने पर आसानी से टूट जाता है। कोई आवाज भी नहीं आती। ऐसे में उसकी सबसे पसंद एक्टिवा थी। सेंटर लॉक टूटने के बाद स्विच की वायरिंग निकाल वाहन को स्टार्ट कर लेता था। राशिद ने 2015 में पहली स्कूटर चोरी की थी।
3 साल से गोरखधंधा, 10-20 हजार में बेचा
राशिद ने बताया कि वह पिछले तीन साल से वाहन चोरी कर रहा था। अधिकतर वाहन गांव-देहात में 10-20 हजार रुपए में ठिकाने लगाए हैं। गिरोह गिरवी नामा देकर गाड़ी की गारंटी लेता था।
आरटीओ दलाल बनाता था रजिस्ट्रेशन कार्ड
राशिद ने नंबर एवं रजिस्ट्रेशन कार्ड फर्जी तैयार करवाने के लिए रामनगर कॉलोनी निवासी कम्प्यूटर फोटो शॉप एक्सपर्ट समीर उर्फ वसीम, संजय नगर निवासी आरटीओ दलाल मोंटी उर्फ संदेश को शामिल किया। मोंटी आरटीओ दफ्तर से बने कार्डों के फोटो खींचकर आता था। समीर फोटो शॉप सॉफ्टवेयर के जरिए एडिट कर नया कार्ड तैयार कर देता था।
गिरोह के सदस्यों को लॉक तोडऩे की दी ट्रेनिंग
राशिद ने पुलिस को बताया कि सुनील और इरशाद को अपने गिरोह में शामिल किया। दोनों को लॉक तोडऩे की ट्रेनिंग दी। दक्ष होने के बाद तीनों चोरी की वारदातों को अंजाम देने लगे।
कूक्कू इंजन-चेसिस नंबर घिस नया लगाता था
गिरोह गाड़ी बेचने या गिरवी रखने पर ग्राहक को गाड़ी फायनेंस की बताता था। बताता था कि इसे मैंने बैंक से खरीदा है। शारदा नगर निवासी आरोपी सुरेंद्र अहिरवार उर्फ कुक्कू भी गिरोह में शामिल था, जो गाडिय़ों के इंजन और चेसिस नंबर को घिसकर चेसिस नंबर की प्लेट नई तैयार कर फिट कर देता था। आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने अब्दुल समद (35) निवासी विदिशा और गुलवेज खान (26) निवासी पुतली घर शाहजहानांबाद खरीदार को गिरफ्तार किया है।