नई जेल के (क) खंड में बने सेल में जगदीश अरोरा और उसके भाई को रखा गया है। इन सेल में आम तौर पर 20 लोगों को रखने की क्षमता होती है लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण से कैदियों को सुरक्षित रखने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा रहा है। संदिग्ध प्रकरणों में एक साथ केवल 2 या 4 लोगों को ही सेल में रखा जा रहा है। जेल अधीक्षक दिनेश नरवाडे ने बताया कि पुरानी जेल में मेडिकल जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के चलते 24 घंटे पहले दोनों आरोपियों को एयरपोर्ट रोड स्थित नई जेल परिसर में लाया गया है। देर रात और शनिवार सुबह हुई चिकित्सकीय जांच में दोनों आरोपी स्वस्थ पाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए जगदीश अरोरा ने बायपास सर्जरी होने और अपने भाई की तबीयत खराब होने का हवाला देकर न्यायालय से राहत की मांग की थी। न्यायालय ने इस मामले में जेपी जिला अस्पताल से चिकित्सकीय जांच रिपोर्ट तलब की थी जिसमें अरोरा की तबीयत ठीक निकली थी।