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भोपाल

देश में पहली बार मध्यप्रदेश में बनेंगी सायबर तहसीलें, लाएंगे नया कानून

——————- बड़ा फैसला : कहीं से भी बैठकर वचुर्अल हो पाएंगे नामांतरण में बयान, राज्य-संभाग-जिला स्तर पर बनेंगे सायबर कार्यालय भी——————

भोपालNov 23, 2021 / 09:54 pm

जीतेन्द्र चौरसिया

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भोपाल। मिंटो हॉल में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ब्यूरोक्रेट्स पर ली चुटकी।

jitendra.chourasiya@भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में बडा फैसला लिया गया। इसके तहत देश में पहली बार मध्यप्रदेश में सायबर तहसील का गठन होगा। इसके प्रस्ताव को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसकी खासियत यह होगी कि देश-प्रदेश में कहीं पर भी बैठकर सायबर तहसील के जरिए वचुर्अल नामांतरण-सीमांकन संबंधित प्रक्रिया हो सकेगी। इसमें कहीं पर भी बैठकर नामांतरण-सीमांकन आदि के लिए संबंधित दोनों पक्ष बयान व रजामंदी दे सकेंगे। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अभी देश में कहीं पर भी ऐसी व्यवस्था नहीं है। मध्यप्रदेश में पहली बार पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इसे अपनाया जा रहा है। इसके लिए अलग से कानून भी तैयार किया जाएगा, क्योंकि पूरी प्रक्रिया ही वचुर्अल रहेगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब सरकार जल्द इसे लागू कर देगी।
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कार्यालय भी खोले जाएंगे, संख्या अभी तय नहीं-
मंत्री राजपूत ने बताया कि सायबर तहसील के लिए अभी कोई संख्या तय नहीं है। अभी इसकी संख्या तय की जाएगी। इसके अलावा सायबर तहसील की वर्किंग के लिए कार्यालय भी रखे जाएंगे, जो राज्य स्तर, संभाग स्तर या जिला स्तर पर हो सकते हैं। अभी इसका पूरा प्रारूप तैयार होगा। इसमें यह देखा जाएगा कि पहले चरण में कहां और कितनी सायबर तहसील खोलना है। इसके अलावा इसके वचुर्अल प्रक्रिया और उसकी मानीटरिंग की व्यवस्था भी तय होगी। सूत्रों के मुताबिक दो जिलों में एक या हर जिले में एक भी हो सकती है। यह हाईटेक राजस्व कोर्ट की तरह काम करेगी, जिसमें अविवादित प्रकरणों को प्राथमिकता से निपटाया जाएगा।
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अलग से तहसीलदार की नियुक्त किए जाएंगे-
गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सायबर तहसील के लिए अलग से तहसीलदार नियुक्त किया जाएगा। इस व्यवस्था में खरीदार और बेचने वाले को नामांतरण के लिए तहसील कार्यालय आने की जरूरत नहीं पडेेगी। आवेदन के बाद तहसीलदार नोटिस जारी करेगा। आपत्ति नहीं आने पर नामांतरण कर दिया जाएगा। इसके अलावा राजस्व की जमीन पर अवैध खान की स्थिति में अब खनिज विभाग ही जुर्माना लगाएगा इसका प्रस्ताव भी मंजूर कर दिया गया। अभी तक राजस्व और खनिज दोनों विभाग जुर्माना लगा देते थे। इससे डबल जुर्माना हो जाता था। अब खनिज का ही जुर्माना रहेगा।
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ये होगा फायदा-
– कहीं से भी बैठकर नामांतरण के लिए बयान या मंजूरी वचुर्अल दी जा सकेगी
– वचुर्अल प्रक्रिया होने से आवेदन से लेकर सर्टिफिकेट तक आनलाइन रहेंगे
– अविवादित नामांतरण व सीमांकन संबंधित केस तुरंत निपट जाएंगे
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कृषि पट्टे की जमीन बेचने के प्रस्ताव रोका-
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उपयोग के लिए पट्टे की जमीन बेचने का प्रस्ताव को फिलहाल रोक दिया है। भू राजस्व संहिता में संशोधन के तहत जब यह प्रस्ताव रखा गया, तो सीएम ने कहा कि अभी इस पर अलग से विचार विमर्श की जरूरत है। इसमें गुण दोष देखकर निर्णय करेंगे। इसके तहत अब इस प्रस्ताव को मंत्रियों के समूह के सामने पेश किया जाएगा। वहां मंथन के बाद सीएम को रिपोर्ट दी जाएगी, फिर निर्णय होगा। इस प्रस्ताव में कृषि उपयोग के लिए पट्टे पर दी गई जमीन को बेचने के अधिकार मिल जाते। अभी यह जमीन अहस्तांतरणीय रहती है। इंदौर के रिंगरोड सहित अधिकतर शहरों में इस प्रकार की बडी संख्या में बेची जा चुकी हैं, लेकिन उसका नामांतरण नहीं हो पा रहा है। इस प्रस्ताव के मंजूर होने से यह नामांतरण हो पाता। अभ केवल कलेक्टर की विशेष मंजूरी पर यह जमीन बेच सकते हैं। यह प्रस्ताव आने पर लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा कि अब भी दस साल पूरे होने पर जमीन बेच सकते हैं, लेकिन वह अहस्तांरणीय है। बहरहाल, सीएम ने प्रस्ताव रोक दिया।
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