1. रोग-प्रतिरोधक क्षमता के लिए : हर रोज एक चम्मच दही खाने से भी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।
जानकारों के अनुसार वैसे तो दही हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है लेकिन फिर भी हमें कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए :
– रात्रि में दही के सेवन से बचना चाहिये, इसका कारण इसकी तासीर का ठंडा होना बताया जाता है।
1. चेहरे की झांई के लिए :-
माना जाता है कि जब त्वचा रूखी और काली हो जाए, जगह-जगह चेहरे पर दाग, धब्बे पड़ जाएं और मुंहासों से चेहरा भयानक होने लगे, तो चेहरे और पूरे शरीर पर उबटन की तरह दही से मालिश करें। फिर 5 मिनट के बाद नहा लें। इससे इन समस्याओं से राहत मिलती है।
इसके अलावा दही में बेसन को मिलाकर चेहरे पर लगा लें और सूखने के बाद ठण्डे पानी से धो लें। ऐसा करने से चेहरे का रंग साफ हो जाता है। सूरज की किरणों से चेहरे पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव भी दही लगाने से दूर हो जाते हैं।
दही (Dahi/Curd)में ग्लूकोज मिलाकर खाते रहने से कुछ दिनों में उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) ठीक हो जाता है। औषधि सेवन-काल तक
और कुछ न खायें। यदि दही खाने से शरीर में अकड़न और आलस्य महसूस हो तो ग्लूकोजयुक्त चाय पी सकते हैं।
जब तक बवासीर में खून आता रहे तब तक केवल दही ही खाते रहें बाकी सारी चीजे बंद कर दें। इससे बवासीर में खून आना बंद हो जाता है।
4. मुंह के छाले :-
मुंह में छाले होने पर रोज सुबह मुंह के छालों पर दही मलने से लाभ होता है।
शरीर से दुर्गन्ध आने पर दही (Dahi/Curd)और बेसन मिलाकर शरीर पर मलने से शरीर की दुर्गन्ध नष्ट हो जाती है। 6. आंव रक्त (पेचिश) :-
अगर पेचिश पुराना हो गया हो तो उसके लिए बेलपत्थर के गूदों को दही में डालकर खाने से रोगी को लाभ मिलता है।
दही को खाने से मोटापा कम होता है। 8. पेट के कीड़े :-
दही में असली शहद मिलाकर 3-4 दिन तक दिन में सुबह और शाम पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
दही का तोड़ (खट्टा पानी) पीने से कब्ज हट जाती है। 10. दस्त :-
इस अवस्था में 100 मिलीलीटर दही में आधे केले को मिलाकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
वहीं गाय या बकरी के दूध से जमी हुई दही में पकी हुआ बेल का गूदा मिलाकर खाने से पुराने दस्त में लाभ मिलता है।
इसके अलावा दही में तालमखाने डालकर खाने से दस्त में लाभ मिलता है।
यह भी कहा जाता है कि मां के दूध के न पचने के कारण आने वाले दस्त में दही का तोड़ यानी खट्टा पानी पिलाने से लाभ मिलता है।
दही के तोड़ (खट्टे पानी) से मालिश करने से हाथ-पैरों की जलन समाप्त हो जाती है।
12. रतौंधी : –
दही के पानी में कालीमिर्च को पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी के रोग में आराम आता है।Health benefits of Dahi(Curd)
दही और मट्ठा का सेवन हिस्टीरिया के रोगियों को लाभकारी होता है। 14. दाद के रोग Ringworm :-
दही में बेर के पत्ते पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक हो जाता है।
दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर लगाने से होठ लाल हो जाते हैं। 16. आग से जलने पर On burn : –
बरगद की कोंपल (मुलायम पत्तियां) को पीसकर दही(Dahi/Curd) में मिलाकर जले हुए भाग पर लगाने से लाभ होता है।
1 कप दही में नमक मिलाकर मिला लें। इस दही को बालों में लगाने से सिर की फरास दूर हो जाती है। 18. नाभि का हटना (टलना) :-
500 ग्राम दही में 1 चम्मच पिसी हुई हल्दी मिलाकर रोजाना खायें। इस मिश्रण को नाभि के स्थान पर लाकर खाने से नाभि अपना स्थान नहीं छोड़ती है।
अगर शरीर में फोड़े, सूजन, दर्द जलन हो तो पानी निकाला हुआ दही बांधे, एक कपड़े में दही डालकर पोटली बांधकर लटका देते हैं। इससे दही का पानी निकल जाएगा। फिर इसे फोड़े पर लगाकर पट्टी बांध देते हैं। 1 दिन में 3 बार पट्टी को बदलने से लाभ होता है।
ताजा दही खिलाते रहने से भांग का नशा उतर जाता है। 14. अनिद्रा Insomnia :-
दही में पिसी हुई कालीमिर्च, सौंफ, तथा चीनी मिलाकर खाने से नींद आ जाती है।
दो चम्मच दही, 1 चम्मच चीनी तथा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग कालीमिर्च को शहद में मिलाकर बच्चे को चटाने से बच्चों की काली खांसी मिट जाती है। 22. बालों का झड़ना Hair fall :-
दही को तांबे के बर्तन से ही इतनी देर रगडे़ कि वह हरा हो जाए। इसको सिर में लगाने से सिर की गंजेपन की जगह बाल उगना शुरू हो जाते हैं।
इसके लिए आधा कप दही में 10 पिसी हुई कालीमिर्च और 1 नींबू निचोड़ मिला लें और इसे बालों पर लगाकर 20 मिनट तक रहने दें। इसके बाद सिर को धो लें। इससे बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
दही में भुना हुआ पिसा जीरा, नमक और कालीमिर्च डालकर रोजाना खाने से अपच (भोजन न पचना) ठीक हो जाता है और भोजन जल्दी पच जाता है। 26. आधासीसी का दर्द Migraine pain :-
यदि सिर दर्द सूर्य के साथ बढ़ता और घटता है तो इस तरह के सिर दर्द को आधासीसी (आधे सिर का दर्द) कहते हैं। आधासीसी (आधे सिर का दर्द) का दर्द दही के साथ चावल खाने से ठीक हो जाता है। सुबह सूरज उगने के समय सिर दर्द शुरू होने से पहले रोजाना चावल में दही मिलाकर खाना चाहिए।
दही, मां के दूध के बाद बच्चे का सबसे अच्छा भोजन होता है। बुल्गोरिया में जिन बच्चों को मां का दूध उपलब्ध नहीं हो पाता है। उन बच्चों को खाने के लिए दही ही दिया जाता है।
शरीर में जहां पर खुजली हो वहां पर दही को लगाने से खुजली दूर हो जाती है। 29. हृदय रोग :-
उच्च रक्तदाब, मोटापा तथा गुर्दे की बीमारियों में भी दही खाने से बहुत लाभ होता है।
इसके साथ ही दही हृदय रोग (दिल का रोग) की रोकथाम के लिए बहुत अच्छा है। दही खून में बनने वाले कोलेस्ट्राल नामक घातक पदार्थ को मिटाने की ताकत रखता है। कोलेस्ट्राल नामक सख्त पदार्थ रक्त शिराओं में जमकर रक्त प्रवाह (खून को चलने) से रोकता है और उससे ओटोर ओस क्लीरोसिस नामक हृदय रोग (दिल का रोग) होता है। चिकने पदार्थ खाने वाले इसी के शिकार हो जाते हैं। अत: दही का प्रयोग बहुत ही उत्तम होता है।
1 कप दही में नमक मिलाकर मिला लें। इस दही को बालों में लगाने से सिर की फरास दूर हो जाती है। 31. बाल गिरने के कारण :-
जरूरत से ज्यादा दिमाग पर जोर पड़ने से बाल ज्यादा गिरते हैं। औरतों में एक्ट्रोजन हार्मोन की कमी से बाल अधिक गिरते हैं। भोजन में लौह तत्व, विटामिन बी तथा आयोडीन की कमी से उम्र से पहले ही बाल गिरने लगते हैं।
दही की छाछ (दही का खट्टा पानी) को पीने से अफारा (पेट की गैस) में लाभ होता है। 33. नहरूआ (स्यानु) :-
दही में कलौंजी को बारीक पीसकर नहरूआ के घाव पर लगाने से रोग नष्ट हो जाता है।
दही में पानी मिलाकर रोजाना गरारे करने से जीभ की जलन खत्म हो जाती है।
इसके अलावा दही के साथ पका हुआ केला सूर्योदय (सूरज उगने से पहले) से पहले खाने से जीभ में होने वाली फुन्सियां खत्म हो जाती है।
गाय के दही के पानी से बालों की जड़ो में रोजाना मालिश करने से सिर की रूसी कम हो जाती है। 36. कैंसर कर्कट रोग :- दही के लगातार सेवन करने से कैंसर होने की संभावना नहीं रहती।
दही के साथ हंसपदी लेने से खूनी दस्त (रक्तातिसार) में आराम होता है। 38. अग्निमान्द्य (हाजमे की खराबी) :- दही और जीरा को नमक और पिसी हुई कालीमिर्च के साथ मिलाकर खाने से अपच (भोजन का न पचना) और अग्निमान्द्य (भूख का कम लगना) ठीक हो जाता है।
दही के साथ हंसपदी खाने से प्रदर रोग ठीक हो जाता है।‘ 40. प्यास अधिक लगना :-
दही में गुड़ मिलाकर खाने से बादी की प्यास मिट जाती है तथा भोजन के बाद लगने वाली तेज प्यास कम होती है।
दही में सौंफ, चीनी और पिसी हुई कालीमिर्च मिलाकर खाने से नींद अच्छी आती है। 42. जुकाम :-
खट्टे दही के अन्दर गुड़ और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर खाने से नया और पुराना हर तरह का जुकाम ठीक हो जाता है।
दही की लस्सी बनाकर पीने से नकसीर (नाक से खून बहना) का रोग नहीं होता है। जबकि दही और मिश्री को एक साथ मिलाकर उसके अन्दर लाल फिटकरी के चूर्ण को डालकर खाने से नाक से खून आना बंद हो जाता है।
इसके लिए लगभग 125 ग्राम दही को 250 मिलीलीटर पानी में डालकर इसमें 1 ग्राम फिटकरी मिलाकर खाने से नकसीर (नाक से खून बहना) आना रूक जाता है।