थाना प्रभारी नीलेश अवस्थी ने बताया कि रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे एक राहगीर ने भोपाल सेंट्रल जेल के पास स्थित गौशाला के पीछे पहाडिय़ों पर शीशम के पेड़ पर एक अधेड का शव लटका देखा था। पुलिस ने मौके पर जाकर देखा तो पेड पर गमछे से बंधा शव लटका था। तलाशी लेने पर मृतक की जेब से जीएमसी का एक पर्चा मिला। जिससे अधेड की पहचान मूलत: गुलाबगंज विदिशा निवासी 48 वर्षीय नवल किशोर पिता गौरेलाल के रूप में हुई।
नवल किशोर नया गांव, गांधी नगर में पत्नी, बेटा और दो बेटी के साथ किराए से कमरा लेकर रहता था। वो गांधी नगर स्थित देशी कलारी में काम करता था, लॉक डाउन में कलारी बंद होने से वो सब्जी का ठेला लगा रहा था। बताया जा रहा है कि शराब की लत के कारण उसका घर में विवाद चल रहा था और वो घर के बाहर ही पट्टी पर सो जाया करता था। साथ ही परिजनों ने पुलिस को बताया कि करीब आठ दिन से वे घर पर भी नहीं आए थे।
कहीं कोरोना के डर से तो नहीं कर ली आत्महत्या
पुलिस अब इस पहलू पर भी जांच कर रही है कि कहीं कोरोना के डर से तो अधेड़ ने आत्महत्या नहीं कर ली। क्योंकि जेब में मिले पर्चे से पता चला है कि उसे सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत थी। साथ ही उसने 22 मई को जीएमसी में इलाज और कोरोना जांच भी करवाई थी। इसलिए अब पुलिस उसकी जांच रिपोर्ट की जानकारी जुटा रही है। साथ ही हाल फिलहाल उसके किसी से विवाद या परेशानी क े बारे में पता किया जा रहा है।