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भोपाल

उपचुनाव पर हावी दलबदल का दंश, अपने हुए पराए

– पहले भाजपा ने कांग्रेस को तोड़ा, अब नाखुशी तोड़ रही उसके साथी

भोपालSep 19, 2020 / 01:01 am

anil chaudhary

modi Government anti-farmer, mp congress party said

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जितेंद्र चौरसिया, भोपाल. प्रदेश के 28 विधानसभा उपचुनावों में दलबदल का दंश हावी दिख रहा है। भाजपा ने कांग्रेस को तोड़कर सत्ता परिवर्तन कराया, अब कांग्रेस उसमें सेंध लगा रही है। भाजपा के पुराने साथी एक-एक करके कांग्रेस का हाथ थाम रहे हैं। इससे भाजपा की चुनौती भी बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि 28 में से करीब 25 सीटों पर दलबदलू मैदान में होंगे। जानिए, दलबदलुओं का कहांं क्या समीकरण…
– ऐसे टूट रही भाजपा
प्रेमचंद गुड्डू : सांवेर में मंत्री तुलसी सिलावट का सामना करने के लिए कांग्रेस ने भाजपा से आए प्रेमचंद गुड्डू को टिकट दिया है। गुड्डू 2018 में कांग्रेस से नाराज होकर भाजपा में चले गए थे। अब करीब 26 साल बाद सांवेर सीट से विधानसभा चुनाव में उतरेंगे।
कन्हैयालाल अग्रवाल : भाजपा में रहे पूर्व मंत्री कन्हैयालाल अब कांग्रेस से बामोरी से चुनाव मैदान में हैं। यहां भाजपा से मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया उम्मीदवार हो सकते हैं। अग्रवाल का पिछली बार भाजपा ने टिकट काटा था, तो वे निर्दलीय लड़े थे। उन्हें 28 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।
पारुल साहू : कांग्रेस सुरखी में भाजपा से आई पारुल को मौका देगी। पारुल ने 2013 के गोविंद सिंह राजपूत को हराया था। उनको 2018 में सीटिंग विधायक होने के बावजूद टिकट नहीं मिला। वे लोकसभा चुनाव लडऩा चाहती थीं, लेकिन न विधानसभा में टिकट मिला और न लोकसभा में।
सुरेश राजे : कांग्रेस ने सुरेश राजे को डबरा से उम्मीदवार बनाया है। मंत्री इमरती देवी कांग्रेस में थीं, तो सुरेश को भाजपा से कांग्रेस में लाई थीं। दोनों रिश्तेदार भी हैं। अब इमरती भाजपा में हैं। ऐसे में कांग्रेस ने राजे को सामने उतारकर इमरती के वोट को बांटने की कोशिश की है।

– यह भी अहम
ग्वालियर के भाजपा नेता सतीश सिकरवार और मुरैना के भाजपा नेता अजब सिंह सहित कई नेता भी कांग्रेस में आ चुके हैं। अजब सुमावली से बसपा से चुनाव हारे हैं। वे लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा में चले गए थे। वहीं, सिकरवार भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के मुन्नालाल से हारे थे।
– ऐसे टूटी बसपा
रवीन्द्र सिंह तोमर : दिमनी सीट पर बसपा से आए रवींद्र सिंह तोमर कांग्रेस प्रत्याशी हैं। तोमर का अपना वोटबैंक हैं। पूर्व में वे बसपा से चुनाव हार चुके हैं। पिछले चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला था।
सत्यप्रकाश सखवार : अम्बाह सीट पर बसपा से कांग्रेस में आए सखवार प्रत्याशी हैं। सखवार पूर्व विधायक हैं। बसपा के वोट बैंक पर भी वे जीतते रहे हैं, पर पिछली बार हार गए थे।
प्रागीलाल जाटव : करैरा सीट पर कांग्रेस ने बसपा से आए प्रागीलाल को मौका दिया है। 2018 के चुनाव में बसपा के टिकट पर प्रागीलाल को 40 हजार से ज्यादा वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के राजकुमार खटीक महज 14824 वोट से जीते थे।
– सत्ता परिवर्तन ने तोड़ी कांग्रेस
भाजपा का चुनाव में पूरा चेहरा ही लगभग दलबदुओं का है। जौरा, आगर और ब्यावरा सीट को छोड़कर बाकी सभी 25 सीटों पर कांग्रेस से आए प्रत्याशी मैदान में उतारे जाना संभावित है। इनमें 19 सिंधिया समर्थक सहित 22 विधायक सत्ता परिवर्तन के समय भाजपा में आ गए थे। बाद में तीन और विधायकों सुमित्रा कस्डेकर, प्रद्युम्र सिंह लोधी और नारायण पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया। सत्ता परिवर्तन के समय दल बदलने वालों मेें प्रमुख छह मंत्री प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेंद्र सिंह सिसौदिया और प्रद्युम्र सिंह तोमर हैं। इनके साथ राजवर्धन सिंह, रक्षा सरोनिया, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, रघुराज सिंह कंसाना, गिर्राज दंडोतिया, मुन्नालाल गोयल, जसवंत जाटव, मनोज चौधरी, एंदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल, जजपाल सिंह जज्जी, सुरेश धाकड़, कमलेश जाटव, बृजेंद्र सिंह यादव और हरदीप सिंह भी भाजपा में गए थे।

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