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भोपाल

गलत डिजाइन से एक्सीडेंटल जोन बने शहर के प्रमुख चौराहे

सावरकर सेतू के नीचे एम्स जाने वाले मार्ग पर टकरा रहे वाहन, राजभवन की रोटरी का बिगड़ा डिजाइन मैनिट-सीपीए विवाद में फंसा

भोपालSep 02, 2018 / 09:06 am

Sumeet Pandey

NEWS

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भोपाल. शहर के प्रमुख चौराहे की गलत डिजाइनिंग लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लोक निर्माण विभाग, राजधानी परियोजना प्रशासन और नगर निगम और अब मेट्रो रेल कार्पोरेशन के प्रोजेक्ट में तालमेल की कमी इसकी सबसे बड़ी वजह है। मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सुभाष नगर रेलवे ओवर ब्रिज का बदला डिजाइन भविष्य में अंधे चौराहे को तैयार करने की वजह बनने जा रहा है।
यहां डिजाइन बदलकर चौराहे की लैंडिंग को एसबीआई कालोनी की तरफ उतारा गया है जो पहले डीबी मॉल से आने वाली सडक़ के बीचों बीच उतारा जाना था। ट्रैफिक फॉल्ट को दूर करने अब यहां रोटरी बनाने की बात की जा रही है लेकिन इससे समस्या बढऩे की बजाए बढ़ेगी। सुभाष नगर अंडरब्रिज और जिंसी से आने वाला ट्रैफिक इस रोटरी पर आकर फंसेगा क्योंकि यहीं पर आरओबी से उतरने वाले वाहन भी लेंड करेंगे। कुछ ऐसा ही भ्रम व्यापम चौराहे पर निर्मित हो रहा है जहां रोटरी को खत्म कर मैदान जैसा चौराहा बना दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस ने इन चौराहों को लेकर निर्माण एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं।
एक्सीडेंटल जोन बने ये चौराहे

सुभाष नगर आरओबी- मैदा मिल साइट पर एसबीआई कालोनी के पास ब्रिज से उतरने वाले ट्रैफिक के लिए रोटरी बनेगी। डीबी मॉल, जिंसी, अंडरब्रिज से आने वाले वाहन भी इसी रोटरी से घूमकर आएंगे जाएंगे। ब्रिज से उतरने वाले वाहनों से ये ट्रैफिक टकरा सकता है। स्टडफार्म की जमीन पर मेट्रो रेल डिपो बनने की वजह इस ब्रिज की लैंडिंग बदली गई है।
सावरकर सेतू से एम्स रोड- वीर सावरकर सेतू के बनने के बाद एम्स से आरआरएल तक आने वाली डबल लेन रोड के एक हिस्से पर ब्रिज का वनवे रूट उतारा गया है। आरओबी के नीचे हबीबगंज नाका की तरफ से आकर एम्स जाने वाले वाहन अब इस मार्ग के सिंगल रूट से होकर एम्स जाते हैं जिससे सामने से आने वाले वाहन और ब्रिज से तेज रफ्तार उतरने वाले वाहनों से भिडंत होने का खतरा रहता है।
व्यापम चौराहा- करीब आठ माह पहले एमपी नगर थाने के सामने की रोटरी नगर निगम ने तोड़ दी थी। रोटरी टूटने के बाद चौराहे का वेटिंग एरिया बढ़ गया। वेटिंग में उपयुक्त जगह पर मार्र्किंग नहीं होने और सिग्नल चालू नहीं होने से वाहन चालक अक्सर भ्रमित हो जाते हैं। वहीं, चालक चौराहे में जगह अधिक होने से मनमानी तरीके से चौराहा पार करते हैं। ऐसे में आए रोज हादसे होते हैं। अब तक चौराहे के सिग्नल नहीं शुरू हो पाए, न ही वेटिंग एरिया को कम करने आईलैंड बना है।
राजभवन रोटरी- राजभवन से बाणगंगा की तरफ उतरने वाले मार्ग पर सीपीए ने रोटरी बनाकर गलती कर दी। मैनिट ने ये गलती पकड़ी लेकिन सीपीए ने सुधार की बजाए यहां डिवाइडर बनाकर समस्या को और बढ़ा दिया। पहले जिस रोड से वाहन मुड़ते थे वहां अब छोटी सी दिवालनूमा रोटरी बन गई है और अंधेरे में इसे वाहन चालक टकराकर गिर रहे हैं।
आरओबी के डिजाइन में मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने संशोधन करवाए हैं। रोटरी बनाने से सुभाष नगर आरओबी के ट्रैफिक को कंट्रोल करने का प्रयास करेंगे।

एमपी सिंह, ईई, पीडब्ल्यूडी

मैनिट ने जैसा कहा था, हमने वैसा बना दिया। अभी भी यदि उन्हें आपत्ति है तो मौके पर आकर बता दें क्या कैसे बनाना है।
दीप जैन, ईई, सीपीए

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