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भोपाल

शराब दुकानों ने रिहायशी क्षेत्र-बस स्टॉप को बना दिए अहाता, घरों में घुस रहे नशेलची

इकबाल मैदान में शराबबंदी को लेकर प्रदर्शन

भोपालFeb 11, 2019 / 01:42 am

Bharat pandey

Demonstrated about alcoholism

Demonstrated about alcoholism

भोपाल। ऐशबाग क्षेत्र में नशेलची बदमाशों के आतंक से रहवासियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। आए दिन विवाद- झगड़े आम हैं, लेकिन सुनवाई कहीं नहीं होती। हालात इतने खराब कि बोगदा पुल के नजदीक की शराब दुकान के पास तो अपने घर के बाहर खड़े युवक उनैज की हत्या तक हो चुकी है। बावजूद प्रशासन पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। इसी इलाके के प्रभात चौराहे के पास की शराब दुकान से शराब लेने वालों ने चौराहे पर आतंक फैला रखा है। महिलाएं और बच्चे यहां से बस पकडऩे और आने जाने में खौफ खाते हैं। इधर, इकबाल मैदान में उनैज के हत्यरों को फांसी की सजा की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। लोगों ने प्रदेश में शराब बंदी की मांग की।

 

 

Demonstrated about alcoholism
IMAGE CREDIT: patrika

बेटे की हत्या पर परिजन बोले-आखिर शराब दुकानों से राजस्व उगाहकर सरकार किसका भला कर रही
मेरा मासूम बेटा उनैज बेकसूर था। शराफत में हत्यारों ने उसका कत्ल कर दिया। हत्या की वजह घर के पास खुली कलारी है। जिसे सरकार रहवासी इलाके में खोल रखी है। सालों से हम लोग कलारी को हटाने के लिए सरकार से मांग करते रहे, कोई सुनवाई नहीं हुई। दुकान नहीं हटी, इसके बदले मेरे परिवार को जिंदगीभर का गम मिला। आखिर, शराब दुकानों से राजस्व उगाहकर सरकार किसका भला कर रही है। हुक्मरानों को यह राजस्व की कैसी लत है। जिसकी वजह से महिलाएं-बच्चे, समाज ही सुरक्षित नहीं है। सरकार से मेरी इतनी ही मांग कि घर के पास खुली कलारी को हटाकर मेरे बेटे उनैज को इंसाफ दिलाए।

-अब्दुल मुजीब, उन्नैज के ताऊजी

नशेडियों के डर से आज तक घर के बाहर नहीं खेल सकी
बोगदा पुल कलारी के बिल्कुल पीछे यह मेरा पैतृक मकान है। जब से कलारी खुली जीना मुश्किल है। सुबह छह बजे से शराब बिकनी शुरू हो जाती है। रात दो बजे तक अवैध तरीके से शराब बेची जाती है। कई बार नशेड़ी घर में घुस चुके हैं। बच्चों-महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल है। मेरी बेटी प्रतिष्ष्ठा 11 साल की हो गई। वह नशेडियों के डर से आज तक घर के बाहर नहीं खेल सकी। चौखट के बाहर नशेड़ी पड़े रहते हैं। उनसे वह बहुत डरती है।
-देवेन्द्र शुक्ला, रहवासी


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बस स्टॉप पर पैग लगा रहे नशेड़ी
मैं हर रोज प्रभात चौराहे से लो-फ्लोर बस से एमपी नगर कोचिंग जाती हूं। अभी थोड़ी देर पहले मैं बस स्टॉप पर बैठकर बस का इंतजार कर रही थी। इसी बीच बस स्टॉप के पीछे खुली शराब दुकान से दो नशेड़ी शराब लेकर आए और बस स्टॉप में ही पीने लगे। मैं कुछ समझ पाती इससे पहले एक नशेड़ी मेरे पास की कुर्सी में बैठकर हाथ पकडऩे लगा। डर की वजह से मैं बस स्टॉप से आगे आ गई। थोड़ी देर बाद एक नशेड़ी बस स्टाप के सामने रखी गुमठी में आकर शराब पीने लगा।

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