सोमवार सुबह दिग्विजय सिंह ने दो ट्वीट किए हैं। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा- ‘धन्यवाद कमलनाथ जी को जिन्होंने मप्र में कांग्रेस की कमजोर सीटों पर लड़ने का आमंत्रण दिया। उन्होंने मुझे इस लायक समझा मैं उनका आभारी हूं।’ दिग्विजय ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा- ‘मैं राघौगढ़ की जनता की कृपा से 1977 की जनता पार्टी लहर में भी लड़ कर जीत कर आया था। चुनौतियों को स्वीकार करना मेरी आदत है। जहां से भी मेरे नेता राहुल गांधी जी कहेंगे मैं लोक सभा चुनाव लड़ने तैयार हूं। नर्मदे हर।’
दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में राघौगढ़ का जिक्र किया है। राघौगढ़ विधानसभा सीट है और मौजूदा समय में उनके बेटे जयवर्धन सिंह यहां से विधायक हैं। दिग्विजय सिंह ने अपनी सियासत इसी सीट से शुरू की थी। दिग्विजय ने इशारों-इशारों में कमलनाथ और पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को एक संकेत भी दिया है कि उन्हें राजगढ़ लोकसभा सीट से टिकट दिया जाए जहां से वह कई बार चुनकर आए हैं। राजगढ़ लोकसभा सीट के अंतर्गत ही राघोगढ़ विधानसभा सीट आती है। राघौगढ़ दिग्विजय सिंह का गढ़ है।
दिग्विजय सिंह को राघौगढ़ के लोग राजा साहेब के नाम से पुकारते हैं जबकि उनके छोटे भाई लक्ष्मण सिंह को छोटे साहब कहा जाता है। दिग्विजय सिंह पहली बार 1977 में यहां से विधायक बने थे। उसके बाद से कांग्रेस ये सीट कभी नहीं हारी। मध्य प्रदेश की राजगढ़ लोकसभा सीट राज्य की वीआईपी सीटों में से एक है। दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से 1984 और 1991 में दो बार सांसद बने जबकि उनके भाई लक्ष्मण सिंह यहां से पांच बार सांसद रहे।
दिग्विजय सिंह अपने गढ़ राजगढ़ से 1989 का लोकसभा चुनाव हार चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने 1984 में राजगढ़ लोकसभा सीट से जीतकर पहली बार सांसद बने तो 1989 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था। 1984 के लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह करीब डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से अपना चुनाव जीते थे। हालांकि 1989 के चुनाव में वह बीजेपी के प्यारेलाल खंडेलवाल से 50 हजार वोट से अपना चुनाव हार गए थे। अभी तक की ये दिग्विजय सिंह की एकलौती हार है। हालांकि 1991 में उन्होंने फिर से इस सीट पर जीत दर्ज की थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में राजगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी के रोडमल नागर ने कांग्रेस नारायण सिंह अंलाबे को हराया था। इस चुनाव में नागर को 59.04 फीसदी वोट मिले थे और नारायण अंलाबे को 36.41 फीसदी वोट मिले थे। दोनों के बीच हार जीत का अंतर 2,28,737 वोटों का था।