उधर अकादमी के तत्कालीन डायरेक्टर एडीजी शुसोभन बनर्जी ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और एक आवेदन मानवाधिकार आयोग में भेज कर विभाग की शिकायत कर दी। उनका कहना है कि खनिज विभाग की टीम अकादमी के अधिकारियों के सामने धमाके करे तो हकीकत खुद व खुद सामने आ जाएगी। एडीजी अब वहां से हटकर लोकायुक्त में आ गए हैं।
भौंरी में जहां पुलिस ट्रेनिंग अकादमी बनी है वहां खनिज विभाग ने छह खदानों को लीज पर दे रखा है। इन खदानों में सुबह चार बजे से धमाके होना शुरू हो जाते हैं। इसका असर अकादमी की दीवार और नींव पर पड़ रहा है।
दीवारों में दरारें आ रही हैं। इसकी शिकायत तत्कालीन एडीजी शुसोभन बनर्जी ने कलेक्टर को पत्र लिखकर की थी। उन्हींं के डायरेक्टर रहते हुए खनिज विभाग के अधिकारी एक्सप्लोसिक एक्सपर्ट को लेकर मौके पर गए और धमाका कर जांच की। रिपोर्ट में दीवार न हिलने का उल्लेखकर रिपोर्ट डायरेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को भेज दी।
पूरा घटनाक्रम तत्कालीन डायरेक्टर के सामने हुआ तो उन्होंने इस रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए खनिज विभाग की शिकायत मानवाधिकार आयोग में कर दी। इसके बाद उनका तबादला लोकायुक्त में हो गया। आज भी होती है परेशानी
अकादमी में पदस्थ डीएसपी शुक्ला का कहना है कि उन्होंने फिर से पत्र लिखकर अधिकारियों के सामने धमाके कराने के बात कही है, लेकिन अभी तक कोई रिस्पोंस नहीं मिला है। इधर जिला खनिज अधिकारी कह रहे हैं कि वे एक पत्र और दे दें।
खनिज विभाग की तरफ से कराई गई जांच फर्जी है, मैंने इनकी शिकायत मानवाधिकार आयोग में की है। अब मैं वहां नहीं हूं। अगर धमाका अधिकारियों के सामने करें तो हकीकत पता चल जाएगी।
– एडीजी शुसोभन बनर्जी, पूर्व डायरेक्टर, पुलिस ट्रेनिंग अकादमी