हमीदिया अस्पताल में करीब 250 कंसल्टेंट हैं। इनमें आधे मई व इतने ही जून में 30 दिन छुट्टी पर रहेंगे। हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव के अनुसार व्यवस्थाएं ना बिगडें, इसलिए एक बार में आधे डॉक्टरों को ही छुट्टी दी जाती है।
मरीजों को इन विभागों में होगी दिक्कत
गैस्ट्रोएंटोलॉजी विभाग: यहां कंसल्टेंट डॉ. आरके जैन, डॉ. विजन राय, डॉ. एसके जैन, डॉ. सारांश जैन हैं। दो कंसल्टेंट के छुट्टी पर जाने से ओपीडी में डॉक्टर नहीं मिलेंगे। विभाग में हर दिन करीब 120 मरीज ओपीडी में आते हैं। भर्ती मरीज 30-40 रहते हैं।
पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग: दो कंसल्टेंट डॉ. राजेन्द्र कुमार व डॉ. धीरेन्द्र श्रीवास्तव हैं। ऐसे में ओपीडी व सर्जरी की जिम्मेदारी महीनेभर सिर्फ एक डॉक्टर पर रहेगी। हर दिन ओपीडी में 25 मरीज आते हैं।
कार्डियोथोरेसिक विभाग: कंसल्टेंट डॉ. प्रवीण शर्मा और एक अन्य चिकित्सक हैं। डॉ. शर्मा एचओडी हैं। सरकारी अस्पतालों में कार्डियक सर्जरी सिर्फ हमीदिया में होती है, इसलिए मरीजों को दिक्कत होगी।
बर्न एंड प्लास्टिक: यहां तीन कंसल्टेंट कार्यरत हैं। एक डॉक्टर होने पर ओपीडी में जूनियर डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई जाएगी। गंभीर मरीजों को ओटी के बाद देखते हैं। यहां हर दिन ओपीडी में 25 मरीज आते हैं और हर माह 30 सर्जरी होती हैं।
काडियोलॉजी: यहां सिर्फ दो डॉक्टर ही मिलेंगे। रोजाना 70-80 मरीज आते हैं। हर महीने 90 एंजियोग्राफ ी व 30-40 एंजियोप्लास्टी होती है।
यहां भी होगी दिक्कत: साइकेट्री, टीबी एंड चेस्ट विभाग के साथ मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स ओर सर्जरी में भी चिकित्सकों की संख्या आधी रह जाएगी। इन विभागों ओपीडी में मरीजों की संख्या 70 से 100 के बीच रहती है। दोनों विभागों में दो-दो कंसल्टेंट हैं। ओपीडी के अलावा उन्हें जांचें भी करनी होती हैं।
इन पर भी असर
स्लीप स्टडी टेस्ट
ऑन कॉल ड्यूटी
माइक्रोबायलॉजिकल व पैथोलॉजिकल जांचें
मरीजों को रेफर करना
आगे की तारीख दी
ऑपरेशन जिन्हें 15 दिन या एक माह बाद किया जा सकता है, उन्हें आगे की डेट दी जाएगी। मालूम हो कि हमीदिया अस्पताल में हर रोज इमरजेंसी में 15 से 20 ऑपरेशन होते हैं। रुटीन में यह संख्या 40 तक पहुंच जाती है।