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भोपाल

गरीबों को हेल्थ सर्विस मना करने पर करते कार्रवाई

इंटरव्यू— डॉ. प्रज्ञा दुबे – स्टेट कोआर्डिनेटर, अर्बन हेल्थ गवर्नेंस एंड प्लानिंग

भोपालJan 18, 2019 / 03:05 pm

दिनेश भदौरिया

NEWS

गरीबों को हेल्थ सर्विस मना करने पर करते कार्रवाई

भोपाल. शहरी गरीबों को हेल्थ एंड सेनिटेशन की बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए सरकार काफी प्रयास कर रही है। अस्पतालों में गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं न देने या स्वास्थ्य सेवाओं में कमी करने वालों पर अर्बन हेल्थ गवर्नेंस एंड प्लानिंग की नजर रहती है। इस बारे में पत्रिका ने इस संगठन की स्टेट कोआर्डीनेटर डॉ. प्रज्ञा दुबे से बातचीत की।
सवाल: अर्बन हेल्थ मिशन के तहत शहर में कहां और किस तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं दी जा रही हैं?
जवाब: मिशन के तहत भोपाल की 8 शहरी पीएचसी और पुराने 20 सिविल हॉस्पिटल में ये सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसके तहत कम्युनिटी बेस्ड और फेसिलिटी बेस्ड सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
सवाल: अर्बन हेल्थ के क्षेत्र में आपकी संस्था किस तरह काम करती है?
जवाब: हमारा ऑर्गनाइजेशन शहरी क्षेत्रों के गरीब रहवासियों को अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करवाता है। इसका शहरी क्षेत्र में स्वास्थ्य व पोषण पर खास फोकस रहता है। हमारे संगठन और अस्पतालों के बीच में आशा और एएनएम बहुत उपयोगी कड़ी होती हैं।
सवाल: ऐसा अकसर देखा-सुना जाता है कि गरीबों पर हॉस्पिटल स्टाफ ध्यान नहीं देता, उन्हें दवाएं नहीं दी जाती हैं अथवा कम दी जाती हैं?
जवाब: ऐसा नहीं है। पहले की तुलना में इस समय अधिक दवाइयां प्रदान की जा रहीं हैं। कई हेल्थ चेकअप बहुत ही रियायती दरों पर किए जाते हैं। गरीब लोगों को अब तो बहुत सी जांचें निशुल्क किए जाने का लाभ भी मिल रहा है। सरकार शहरी गराबों के हेल्थ एंड हाइजीन के लेकर बहुत गंभीर है।
सवाल: गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं न देने वाले के विरुद्ध आपका संगठन क्या कार्रवाई कर सकता है?
जवाब: गरीबों को स्वास्थ्य सेवाएं देने से मना करने वाले चिकित्साकर्मियों या अस्पतालों की शिकायत मिशन संचालक के पास भेजी जाती है। मिशन संचालक विभाग के सक्षम अधिकारी के पास शिकायत भेजकर उचित कार्रवाई करवाते हैं।
सवाल: दोषियों के विरुद्ध किस तरह की कार्रवाई की जाती है?
जवाब: हितग्राही को स्वास्थ्य सेवा देने से मना करने वाले को सबसे पहले जवाब-तलब किया जाता है। एक कारण दवा उपलब्ध न होना और दूसरा कारण पेशेंट को ठीक से डील न करना हो सकता है। पेशेंट को ठीक से डील करने के लिए स्वास्थ्यकर्मी को फिर से ट्रेनिंग दी जाती है।
सवाल: अब तक कितना काम पूरा किया जा चुका है और कितना काम होना शेष है?
जवाब: मिशन के तहत प्रदेश के अधिकांश जिलों में कार्य पूरा किया जा चुका है। कहीं-कहीं कुछ कार्य शेष रह भी गया है तो उसे जल्द पूरा कराया जाएगा। स्वास्थ्य के लिए जागरुकता का होना बहुत जरूरी है।

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