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भोपाल

अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए औचक निरीक्षण में डॉक्टरों की लापरवाही आई सामने

औचक निरीक्षण में उजागर हुई लापरवाही

भोपालJan 29, 2020 / 10:36 am

दीपेश अवस्थी

ग्यारसपुर। इस तरह अस्पताल में  रहती है प्रतिदिन मरीजों की भीड़।

ग्यारसपुर। इस तरह अस्पताल में रहती है प्रतिदिन मरीजों की भीड़।

भोपाल। राज्य के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए औचक निरीक्षण और जांच में डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग ने इनके खिलाफ विभागीय जांच का निर्णय लिया है। इनसे जवाब तलब भी किया गया है।

राज्य कोल्ड चेन अधिकारी ने दिसम्बर माह में छिंदवाड़ा जिले का औचक निरीक्षण किया था। छिंदवाड़ा में सघन मिशन इंद्रधनुष की मॉनीटरिंग के संबंध में पाण्ढुरना के सेक्टर सिवनी में तीन उप स्वास्थ्य केन्द्र सिवनी, भूली, चिचघाट का डोर टू डोर जांच की। टीकाकरण कार्ड के क्रॉसचैक के दौरान भूली एवं सिवनी में सब कुछ ठीकठाक मिला लेकिन उप स्वास्थ्य केन्द्र चिचघाट के अमदाखुर्द में लापरवाही सामने आई।

वैक्सीन का टीका नहीं देना पाया गया

यहां दो बच्चों को वैक्सीन का टीका नहीं देना पाया गया। जिले में फील्ड कार्यकर्ताओं तथा चिकित्सा अधिकारियों का प्रशिक्षण गुणवत्ता पूर्ण नहीं मिला। जिला और ब्लॉक अधिकारियों, सुपरवाइजरों द्वारा दैनिक मॉनीटरिंग एवं सायंकालीन बैठकों का अभाव मिला। इसके लिए जिला टीककारण अधिकारी होने के नाते डॉ. पुष्पारानी सिंह के जिम्मेदार माना गया। इनसे जवाब तलब किया गया है।

विभागीय जांच का निर्णय लिया गया

इसी प्रकार सागर में पदस्थ जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके सैनी के खिलाफ विभागीय जांच के लिए रिटायर ज्वांइट कलेक्टर आरसी सक्सेना को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जांच अधिकारी से कहा गया है कि वे एक माह में जांच रिपोर्ट सौंप दें। नियम विरुद्ध काम किए जाने विभाग ने इनसे जवाब तलब किया था। संतोषजनक जवाब नहीं होने पर विभागीय जांच का निर्णय लिया गया।

वित्तीय अनियमितताओं के जिम्मेदार –
एमपीएस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ताजपुर जिला उज्जैन में पदस्थापना के दौरान एमके यति को वित्तीय अनियमितताओं का जिम्मेदार माना गया। इन्हें निलंबित कर क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा में पदस्थ किया गया। कोर्ट में चल रहे मामलों की जिम्मेदारी इनके पास थी। आरोप है कि इन्होंने वकील को अधिक भुगतान कर दिया। स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में इनसे स्पष्टीकरण मांगा लेकिन उत्तर संतोषजनक नहीं होने के कारण विभागीय जांच का निर्णय लिया गया।

इनका निलंबन समाप्त –
स्वास्थ्य विभाग ने दो डॉ. योगेन्द्र चतुर्वेदी और डॉ. शालू जौहरी का निलंबन समाप्त करते हुए इनको नई जिम्मेदारी दे दी है। इनको दिए गए आरोप पत्र का निर्णय बाद में किया जाएगा। डॉ. चतुर्वेदी जिला चिकित्सालय पन्ना में पदस्थ हैं। इन्हें 28 अगस्त 2019 को निलंबित किया गया था। जबकि डॉ. जौहरी जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में पदस्थ हैं। इन्हें 4 मई 2018 को निलंबित किय गया था।

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