scriptसीएम से मिलने जा रहे 800 डॉक्टरों को पुलिस ने बनाया बंधक, हुई झूमाझटकी | Doctors movement | Patrika News
भोपाल

सीएम से मिलने जा रहे 800 डॉक्टरों को पुलिस ने बनाया बंधक, हुई झूमाझटकी

डॉक्टरों को समझाने के लिए कलेक्टर और डीआईजी भी मौके पर पहुंचे

भोपालSep 18, 2019 / 01:43 am

Ram kailash napit

Doctors movement

Doctors movement

भोपाल. सातवें वेतनमान और समयमान वेतन की मांग को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने जा रहे १३ सरकारी मेडिकल कॉलेजों के आठ सौ से ज्यादा सीनियर डॉक्टरों (मेडिकल टीचर्स) को पुलिस ने बंधक बना लिया। यह सभी डॉक्टर रैली निकालकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें कॉलेज से बाहर निकलने से मना कर दिया।
पुलिस ने गांधी मेडिकल कॉलेज से बाहर निकलने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेट्स, भारी मात्रा में पुलिस बल के साथ दो वॉटर केनन तक खड़ी कर दी। इससे मामला तूल पकड़ गया और विवाद की स्थिति बन गई। डॉक्टर जब बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस के साथ झूमाझटकी होने लगी। इस बीच किसी पुलिस अधिकारी ने डॉक्टरों को डंडा मारने की बात कही, इस पर बात बिगड़ गई।
सिर्फ मुख्यमंत्री से मिलने की कर रहे थे मांग
आंदोलन कर रहे डॉक्टरों को समझाने के लिए कलेक्टर तरुण पिथौड़े और डीआईजी इरशाद वली भी पहुंच गए। इन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि वे विभाग के प्रमुख सचिव से मिल लें, लेकिन डॉक्टरों ने इनकार कर दिया। डॉक्टरों का कहना था कि पीएस सब जानते हैं तो उनसे क्यों मिलें। अगर पीएस को मिलना है तो वे खुद यहां आ जाएं। डॉक्टरों ने कहा वे सिर्फ मुख्यमंत्री से ही मिलना चाहते हैं।
सीएम ने की फोन पर बात, कहा-पूरी होंगी मांगे
मुख्यमंत्री से ना मिल पाने से नाराज डॉक्टर्स ने मंगलवार रात नौ बजे सामूहिक इस्तीफा देने का एलान कर दिया। इस पर रात 8.30 बजे मुख्यमंत्री के प्रतिनिधी के रूप में विधायक सुनील उइके ने फोन कर डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया। दो डॉक्टर्स विधायक के बंगले पर पहुंचे जहां उन्होंने मुख्यमंत्री से फोन पर बात की। मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ.राकेश मालवीय ने बताया कि सीएम ने कहा है कि व्यस्तता के चलते वे अभी नहीं मिल पाए, लेकिन पांच दिन में डॉक्टर्स से जरूर मिलेंगे। विधायक उइके जीएमसी पहुंचे और बताया कि सीएम ने उनकी मांगों को पूरा करने की बात कही है। डॉक्टरों ने फिलहाल आंदोलन रोक कर 30 सितंबर तक की मोहलत दी।
वहीं, डॉक्टरों का मंगलवार को रैली निकालना पहले से तय था, इसके लिए जिला प्रशासन ने अनुमति जारी कर दी थी। सोमवार देर रात अनुमति निरस्त कर दी।
मेन गेट बंद किया तो पीछे के रास्ते से बाहर आए
पुलिस ने डॉक्टरों को रोकने के लिए मेनगेट पर पुलिस बल लगा दिया तो एेसे में डॉक्टर कॉलेज के पीछे और बायरोलॉजी लैब की दीवार फंादकर बाहर निकल आए। जब तक पुलिस को इसकी भनक लगती तब तक २५० से ज्यादा डॉक्टर बाहर पहुंच गए। हालांकि पुलिस ने उन्हें अस्पताल के बाहर रोक दिया।
अमला कम पड़ा को ऑटो से रोका रास्ता
डॉक्टरों को रोकने पहुंची पुलिस के पास अमला कम पड़ गया तो उन्हों ने अस्पताल के बाहर खड़े ऑटो को गेट पर अड़ा दिया। इसी दौरान किसी ने ऑटो चालक से पूछा कि क्या वो डॉक्टरों को रोक रहा है तो उसने झट से कहा नहीं, ये डॉक्टर ही तो हमारे परिवार का इलाज करते हैं। इतना कह कर वह ऑटो लेकर चला गया।
किसी बच्चे को डॉक्टर मत बनाना, टीआई ने कहा-पुलिस भी नहीं
विवाद और आंदोलन के बीच डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों के बीच हल्के फुल्के संवाद भी हुए। डॉक्टरों ने पुलिस से कहा कि आप लोग हमारी हालत देख रहे हैं, अपने बच्चों को डॉक्टर मत बनाना। टीआई ने कहा बच्चों को पुलिस भी ना बनाएं, हमारी हालत भी आप लोगों जैसी ही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो