कुछ जगह फौरी तौर पर दिखावे के लिए काम हुआ था, लेकिन बड़े नालों की सुध नहीं ली गई। नगर निगम के दावों की पड़ताल करने के लिए पत्रिका टीम ने मौके पर जाकर जायजा लिया तो हकीकत सामने आ गई। थोड़ा भी पानी इन्हें उफान पर ला देगा।
प्रशासन की बेरुखी देखिए…
पातरा नाला– ये नाला पुष्पा नगर के आसपास कब्जों से घिरा है। अशोका गार्डन, महामाई का बाग और एेशबाग की बस्तियां नाले के रास्ते में हैं। शाहजहांनी पार्क , काजी कैंप और सेमरा में भी नाले किनारे बस्तियां हैं।
सेफिया नाला- नाले पर बाग मुंशी और सिद्दीक हसन तालाब के आगे कब्रिस्तान के पास पक्के मकान हैं। स्टेशन तक 70 से ज्यादा दुकानें हैं।
प्रेस कॉम्प्लेक्स नाला- नाले की लोअर लाइन पर अन्ना नगर है। चेतक ब्रिज के पास नाले में कचरा भरा है। ये रचना नगर और सुभाष नगर को जलमग्न करेगा।
पंचशील नाला- शांति नगर, अंकुर नगर, 6 और 5 नंबर स्टॉप के आसपास नाले पर दुकानें बनी हैं। लक्ष्मी नगर और दुर्गा नगर की बस्तियों ने चौड़ाई कम कर दी है।
व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की कवायद शुरू
संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने शुक्रवार को कलेक्टर्स के साथ मानसून के दरमियान व्यवस्था को लेकर बैठक की। अतिवर्षा की स्थिति में राहत और बचाव, पेयजल आपूर्ति के संबंध में निर्देश दिए। इनमें चौबीस घंटे कंट्रोल रूम, आपदा प्रबंधन की टीमों को ट्रेनिंग एवं जलभराव वालो क्षेत्रों में सतर्कता बरतने को कहा है।
कलेक्टर ने ली बैठक, इसके बाद फील्ड में दौड़े अधिकारी:
बरसात शुरू होने के बाद कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और निगम अधिकारियों के साथ कलेक्टोरेट में बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि अफसर मौके पर जाकर जलभराव वाले नाले और अतिक्रमण की रिपोर्ट तैयार करें। इन्हें हटाने की कार्रवाई होगी। बैठक के बाद टीमें सैफिया कॉलेज नाला, पंचशील, चांदबड़ सहित अन्य नालों पर स्थिति का जायजा लेने पहुंचीं। कुछ जगह नाले साफ किए गए।
जिला प्रशासन की टीम के साथ नालों का सफाई अभियान जारी है। मानसून में सप्ताहभर का वक्त है। काम हो जाएगा।
बी. विजय दत्ता, आयुक्त, नगर निगम भोपाल