27 जुलाई को पत्रिका में ‘आठ साल पहले लिए तीस हजार रुपए,अभी तक नहीं मिला नर्मदा का पानी’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित होने के बाद पूर्व महापौर कृष्णा गौर और बीडीए सीईओ ने कॉलोनी का निरीक्षण किया। कॉलोनी के रहवासियों ने शिकायत दर्ज कराई कि बीडीए ने आवास विक्रेय के समय जो सुविधाएं देने का वायदा किया था, उनमें से आधी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। बीडीए के इंजीनियर और ईई से कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
आठ साल पहले डेवलप की गई थी कॉलोनी
वेदवती आवासीय समिति के अध्यक्ष बीआर सोनी और सचिव एसएन सोनी ने बताया कि बीडीए ने अवधपुरी क्षेत्र में साल 2009 में यह आवासीय परिसर डेवलप किया। यहां पर 500 भू-खण्ड के साथ 68 एमआइजी और 38 एचआइजी बंगले बनाकर बेचे। 24 से 40 लाख रुपए तक का बंगला बेचा गया। कॉलोनी डेवलप करते समय बीडीए ने अस्पताल, पोस्ट ऑफिस, स्कूल आदि खोलने का दावा किया, लेकिन अब यहां पर रहवासी बुनियादी सुविधाओं तक के लिए तरस रहे हैं।
इंजीनियरों पर पुलिस ने भी नहीं की कार्रवाई
पूर्व महापौर और बीडीए सीईओ ने रहवासियों को भरोसा दिलाया है कि वह जल्द ही कॉलोनी की समस्याओं का निराकरण करेंगे। रहवासियों ने बताया कि वह बीडीए के इंजीनियरों के खिलाफ अवधपुरी थाने में भी आवेदन दे चुके हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक कार्रवाई नहीं की है। यदि समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ तो वह फिर से थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर होंगे।
कॉलोनी की समस्याएं
सडक़ खराब होने के कारण आवाजाही में दिक्कत हो रही है। सीवेज लाइन के क्षतिग्रस्त होने से गंदे पानी से बदबू आती रहती है। स्ट्रीट लाइट नहीं होने से रात में आवाजाही में परेशानी होती है। असामाजिक तत्व सडक़ किनारे गाड़ी खड़ी कर शराब पीते हैं। सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने से आपराधिक घटनाएं होने का डर बना रहता है। स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए अस्पताल नहीं खोला गया है।