मध्यप्रदेश में अब शराबी वाहन चालकों के लाइसेंस तेजी के सात निलंबित किए जा रहे हैं। 2017 में ही 2 हजार 610 वाहन चालकों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए गए। यह बात सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा को लेकर बनाई गई समिति के सामने रखे गए हैं। इस समिति की अगली बैठक 10 अगस्त को रखी गई है। इस बैठक में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव बसंत कुमार सिंह भी शामिल होने वाले हैं।
मध्यप्रदेश में एक अप्रैल से लागू हुई नई आबकारी नीति में खास बात यह भी है कि कुछ खास क्षेत्रों में उपभोग नियंत्रण नीति भी प्रभावी हो गई है। इसके तहत कन्या विद्यालयों, कन्या महाविद्यालयों, कन्या छात्रावासों और धार्मिक स्थलों से 50 मीटर की दूरी तक मदिरा दुकानों को बंद किया जा रहा है। देशी और विदेशी मदिरा दुकानों में संचालित 149 अहाते और शॉप-बार भी बंद कर दिए गए हैं।
यह भी है खास
-सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश के गृह विभाग ने नए सिरे से प्रतिवेदन तैयार किया है, 10 अगस्त को होने वाली बैठक में शामिल किया जा सकता है।
-प्रदेश में कुल 2 हजार 610 लाइसेंस निलंबित किए गए हैं।
-इनमें से 943 दोपहिया वाहन चालक और एक हजार 186 चार पहिया वाहन चालक शामिल हैं।
-वाहन चालक शराब पीकर वाहन चला रहे या नहीं, इस स्थिति को जांचने के लिे यातायात पुलिस को ब्रीथ एनलाइजर भी दिए गए हैं।
-वाहनों की तेज रफ्तार को नियंत्रित करने के लिए 21 हजार 942 वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए गए हैं।
तो इन पर लगेगी लगाम
मध्यप्रदेश सरकार की नई आबकारी नीति सही तरीके से लागू हो जाती है तो स्कूल, कॉलेज, गर्ल्स हॉस्टल, धार्मिक स्थल और पवित्र नदियों के आसपास शराब दुकानें नजर नहीं आएंगी। इस नीति को 1 अप्रैल 2018 से लागू भी कर दिया गया है।
-इस नई नीति के मुताबिक ऐसे वाहन चालकों या शराबियों पर भी लगाम लग सकेगी जो वाहन में बैठकर शराब पीते हैं। इसके अलावा इसका फायदा गर्ल्स हॉस्टल को भी मिलेगा, जिसके आसपास लोग पीते रहते हैं।