गंभीर बीमारियों और सर्जरी के लिए इन डॉक्टरों को अनुमति नहीं दी गई थी। जैसे-जैसे सरकार एमबीबीएस डॉक्टरों की भर्ती कर अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी दूर करती गई, वैसे-वैसे इन डाक्टरों की एलोपैथिक अस्पतालों से आयुर्वेदिक अस्पतालों में वापस होती गई। लेकिन अब कोरोना वायरस के चलते इनकी सेवाएं फिर से लेना शुरू कर दी गई है।
कोरोना के लिए आयुष ने बनाया कॉल सेंटर
कोरोना बायरस के चलते आयुष विभाग ने प्रदेश स्तर पर कॉल सेंटर बनाया है। इन कॉलसेंटर के माध्यम से प्रदेश के आयुष डाक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों के समन्वय तथा स्वास्थ सेवाओं के संबंध में जिला स्तर पर रिपोर्टिंग की जा रही है।
इसके साथ ही सीएमएचओ को जिन जिलों में आयुष के डॉक्टरोंं, पैरामेडिकल तथा अन्य स्टाफ की जरूरत होती है, वहां से उन्हें दूसरे जिलों के आयुर्वेदिक अस्पतालों से भेजने की व्यस्था की जाती है। इसके साथ ही कंट्रोलरूम में सभी जिलों से कोरोना स्क्रीनिंग, जांच तथा क्वारेंटाइन में रखे गए लोगों की हर आठ-आठ घंटे में रिपोर्टिंग की जा रही है।