ईओडब्ल्यू ने अप्रेल 2019 में हरेश सोरठिया सहित कंपनी के 10 पदाधिकारियों को आरोपी बनाया था, तब से ही सोरठिया को बार-बार बयान के लिए बुलाया जा रहा है, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो रहे हैं। सोरठिया को नोटिस देकर तलब भी किया गया, लेकिन जांच एजेंसी के एक भी नोटिस की सोरठिया ने परवाह नहीं की और उलट वह सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। बाद में ईओडब्ल्यू ने हरेश का पासपोर्ट निरस्त करवाया। जांच एजेंसी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से हरेश के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी करवा रखा है। सोरठिया न तो विदेश जा सकते और न ही वे गृह मंत्रालय व जांच एजेंसी की अनुमति के बिना कहीं आ-जा सकते हैं।
लेकिन बयान देने नहीं पहुंचने के कारण वे बयान देने हाजिर नहीं होने के कारण फरार घोषित करवाया गया। इसके बाद संपत्ति राजसात करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इधर, हरेश की अनुपस्थिति में फिलहाल मप्र में कंपनी का काम देख रहे परेश सोरठिया को भी ईओडब्ल्यू बयान के लिए बुला रही है, लेकिन वे भी गैर हाजिर है। परेश के खिलाफ भी फरार घोषित करने की विधिक मदद ली जा सकती है। इधर, मेक्स मैंटेना कंपनी के राजू मैंटाना को भी बयान के लिए कई बार बुलाया लेकिन वे नहीं पहुंचे। सूत्रों का कहना है कि अब राजू मैंटाना को विधिवत अदलात से फरार घोषित करवाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
आईटी एक्ट के मामले में 20 हजार जुर्माना
गंज बासौदा के डिस्ट्रीब्यूटर का पासवर्ड हैक कर करीब 55 हजार रूपये की चोरी के एक मामले में अदालत ने सौरभ बबेले को 20 हजार 500 रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश चन्द्रमोहन उपाध्याय ने यह फैसला सुनाया है। मामला साईबर क्राईम थाने का है। अभियोजन के अनुसार गंजबासौदा के टाटा डोकोमो डिस्ट्रीब्यूटर पवन कुमार जैन के मोबाईल में 1 लाख 30 हजार रूपये का बैलेन्स था। सौरभ बबेले ने 7 अगस्त 2012 को मोबाईल हैक कर 55 हजार रूपये का बैलेन्स चोरी कर लिया था। पवन कुमार जैन की शिकायत पर सायबर क्राईम सेल ने एफआईआर दर्ज की थी।