– परिवार के साथ छत्तीसगढ़ पहुंची 12 वीं की छात्रा, अब अनूपपुर पहुंचकर देगी परीक्षा, लेकिन केन्द्र अब भी 75 किमी दूर
– भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी को वाट्सएप पर लगाई गुहार तो सबसे नजदीक के अनूपपुर में की परीक्षा देने की व्यवस्था
– अनूपपुर भी छात्रा के गांव से 75 किलोमीटर, साधन नहीं है, परिवार कर रहा व्यवस्था
भोपाल•Jun 07, 2020 / 10:19 pm•
praveen malviya
education news
भोपाल. जिले एक छात्रा लॉकडाउन के दौरान परिवार के साथ छत्तीसगढ़ के मुंगेली पहुंच गई। इस बीच 12 वीं के बचे विषयों की परीक्षा लेने की घोषणा हो गई, लेकिन छात्रा के परिवार को इसका पता नहीं चल सका। परीक्षा के दो दिनों पहले छात्रा को परीक्षा का पता चला तो परिवार ने भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना से गुहार लगाई। जिला शिक्षा अधिकारी ने सबसे छात्रा के गंाव से सबसे नजदीक पड़ रहे अनूपपुर में परीक्षा की व्यवस्था कराई। अब यह परिवार अपनी बेटी की परीक्षाएं दिलवाने अनूपपुर तक 150 किमी के आने-जाने की यात्रा, दो बार करने के लिए साधन की खोज में जुटा है, जिससे बेटी की पढ़ाई अधूरी न छूट जाए। मूलत: छत्तीसगढ़ के निवासी मुन्नालाल साहू भोपाल में रहकर मजदूरी करते थे, इसी से अपने ब”ाों की पढ़ाई करा रहे थे। बड़ी बेटी अराधना साहू 12 वीं तो छोटा भाई जितेन्द्र साहू 10 वीं के विद्यार्थी है। बावडिय़ा कला शासकीय शाला में पढऩे वाली अराधाना ने भोपाल से 12 वीं की परीक्षा दी लेकिन परीक्षा पूरी होने के पहले ही अचानक लॉकडाउन हो गया। परिवार ने लॉकडाउन में कुछ दिन तो किसी तरह गुजारा किय फिर, खाने-पीने की समस्या आने लगी।आखिर में यह परिवार 15 मई को अपने गांव निकल गया। छत्तीसगढ़ के मुंगेली के लोरनी में पहुंचने के बाद बेरोजगारी में दिन काट रहे परिवार का सम्पर्क भोपाल से कट गया। ऐसी स्थिति में अराधाना को रविवार को ही पता चला कि मंगलवार से उसके बचे हुए विषयों की परीक्षाएं हैं। पिता मुन्नालाल ने डीईओ से गुहार लगाई। डीईओ ने अराधना को मुंगेली से सबसे नजदीक के प्रदेश के अनूपपुर में परीक्षा दिलाने की व्यवस्था कर दी। लेकिन यह केन्द्र भी 75 किमी दूर हैं। ऐसे में यह परिवार अपनी बेटी को दो प्रश्नपत्रों के लिए दो बार केन्द्र तक आने-जाने का साधन ढूंढ रहा है।
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