राज्य में पेंशनर्स की संख्या ४ लाख ६४ हजार है। चुनाव के चलते सरकार किसी भी वर्ग की नाराजगी नहीं चाहती। इसलिए लोकसभा चुनाव के पहले कर्मचारियों का लंबित डीए और एरियर सरकार दे चुकी है। पेंशनर्स के महंगाई राहत के आदेश जारी होने के पहले राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई। इस पर सरकार ने आयोग ने अनुमति चाही थी। आयोग ने सरकार से ही पूछ लिया कि महंगाई राहत क्या हर बार इसी समय बढ़ाया जाता था। इसी के साथ आयोग ने सरकार से इसकी प्रक्रिया भी पूछी है। जबकि पेंशनर्स का कहना है कि डीए और महंगाई राहत नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है। इसे रोका नहीं जा सकता। उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में इसकी अनुमति दी जा चुकी है। यह मध्यप्रदेश के साथ अन्याय है।
पेंशनर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश के वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने चुनाव आयोग को आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा है कि यह डीए और महंगाई राहत दिया जाना आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। पेंशनर्स का प्रस्ताव रोककर आयोग अनावश्यक रूप से अन्याय न करे।