तर्क है कि फीडर सेपरेशन के बाद लो-टेंशन बिजली उपभोक्ताओं को शहर व गांव दोनों ही जगह 24 घंटे बिजली दी जा रही है, ऐसे में अब टैरिफ में दर अंतर उचित नहीं है। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्र में बिजली की दर अपेक्षाकृत कम रहती है।
अब ये शहरी उपभोक्ताओं के समान हो जाएगी। स्पष्ट है ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं का बिजली बिल बढ़ेगा। ग्रामीण फीडर पर दी जाने वाली सब्सिडी भी खत्म की जा रही है। आमजन 26 जून तक मप्र विद्युत नियामक आयोग के मेट्रो प्लाजा स्थित कार्यालय में आपत्तियां लिखित रूप में दे सकते हैं।
ये बदलाव
नगरीय निकायों में सार्वजनिक जलप्रदाय और स्ट्रीट लाइट के लिए अलग दरों को एक कर दिया है
6.96 रु. प्रतियूनिट बिजली आपूर्ति की सत्यापित लागत थी मध्य क्षेत्र की
अस्थायी कनेक्शन की दर सामान्य से सवा गुना अधिक की जा रही है
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना
अभी प्रक्रिया चल रही है। उपभोक्ता अपने सुझाव देंगे, उसके बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
ऐसे समझे बिजली
6201 करोड़ रुपए मध्य क्षेत्र में खर्च होंगे बिजली खरीदी पर
1231 करोड़ कर्मचारियों
122 करोड़ प्रशासनिक व व्यय
128 करोड़ ब्याज का देगी कंपनी
10028 करोड़ चाहिए कंपनी को वित्तवर्ष में
12.01 प्रतिशत बढ़ोतरी प्रस्ताव की है घरेलू बिजली दर में
16720 मि. यूनिट खर्च का अनुमान है मध्यक्षेत्र में इस साल