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भोपाल में बन रहे पुल की ‘खामी’ ने उड़ाई जिम्मेदारों की नींद

पहले डिजाइन बदला, अब फॉल्ट सुधारने नहीं मिल रही जमीन

भोपालApr 20, 2018 / 10:29 am

dinesh Binole

sikar
भोपाल. अरेरा हिल्स से रायसेन रोड तक ट्रैफिक कनेक्टिविटी के लिए मैदा मिल से रायसेन रोड तक ६०० मीटर लंबा रेलवे ओवर ब्रिज सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल में फंसता जा रहा है। छह माह पहले मेट्रो रेल कार्पोरेशन की आपत्ति पर ब्रिज के डिजाइन में बदलाव करने के बाद इसे मैदा मिल साइड पर रोड के बीचों बीच उतारने की बजाय सड़क किनारे उतारा जाना तय हुआ था। डिजाइन में बदलाव से ट्रैफिक फॉल्ट पैदा हो गया, जिसे दूर करने एसबीआई रेवा कॉलोनी की तरफ रोटरी, ट्रैफिक सिग्नल और सर्विस रोड बनाना तय हुआ। अब एसबीआई प्रबंधन ने आपत्ति जताई है कि मौजूदा बाउंड्रीवॉल बनाने से पहले जमीन की नपती नहीं कराई गई है।
डेडलाइन में काम खत्म करना चुनौती
ब्रिज का 70 प्रतिशत भाग पीडब्ल्यूडी तैयार कर रहा है, जिसकी लागत 25 करोड़ रुपए है। रेलवे के हिस्से में 30 प्रतिशत हिस्सा है जिसकी लागत 15 करोड़ रुपए है। पीडब्ल्यूडी का मौके पर अभी 15 प्रतिशत काम बाकी है, जबकि रेलवे ने अब जाकर अपने हिस्से का काम शुरू किया है। रेलवे ब्रिज कंप्लीट करने की डेडलाइन दिसंबर 2018 मानकर चल रहा है, जबकि स्थानीय विधायक सारंग काम को अगस्त 2018 में खत्म करवाना चाहते हैं। एसबीआई प्रबंधन ने आपत्ति जताई है कि मौजूदा बाउंड्रीवॉल बनाने से पहले जमीन की नपती नहीं कराई गई है।
फैक्ट फाइल

मैदा मिल साइट पर रोटरी-ट्रैफिक सिग्नल बनना है। इसके लिए जमीन चिह्नित होना है, कोई विवाद नहीं है। यहां अधिकांश जमीनें सरकारी हैं।
एमपी सिंह, ईई, पीडब्ल्यूडी

रीजनल अथॉरिटी ने इस तरह की अनुमति नहीं दी है। पीडब्ल्यूडी ने अभी तक कोई प्रपोजल नहीं भेजा है। ये फैसला उच्च प्रबंधन को करना है।
टीएस ग्रोवर, पीआरओ, एसबीआई

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