स्टार्टअप शुरू करना चाहिए
मुख्य अतिथि विज्ञान भारती, नई दिल्ली के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण रामदास ने कहा कि आयुर्वेद के युवा चिकित्सकों को विशेषज्ञ उद्यमियों की अनुभव सम्पदा का लाभ उठाकर स्टार्टअप शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के बारे में भी सोचना चाहिए। भारत सरकार ने आयुर्वेद रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान आयुर्वेद औषधियों का महत्व सामने आया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में टेलीमेडिसिन एक नए क्षेत्र के रूप में उभरकर सामने आया है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा आयुर्वेद चिकित्सक बनने के लिए विख्यात आयुर्वेद वैद्यों की जीवनी और इस क्षेत्र के सफल उद्यमियों की सक्सेस स्टोरीज पढ़ें।
आयुर्वेद अब हाइटेक हो चुका है
मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पूर्व चेयरमैन डॉ. एनपी शुक्ला ने भारतीय आयुर्वेद ज्ञान को सशक्त बताते हुए साइंटिफिक वेलीडेशन पर जोर दिया। जीवा आयुर्वेद के निदेशक डॉ. प्रताप चौहान ने एक सफल आयुर्वेद चिकित्सक और उद्यमी बनने के गुर बताते हुए कहा कि नया या अभिनव विचार आदमी की भीड़ से अलग पहचान बनाता है। उन्होंने कहा कि पूरा विश्व इन दिनों परंपरागत चिकित्सा की ओर देख रहा है। आने वाले समय में मानसिक रोगी बढ़ेगें। इसका इलाज आयुर्वेद में है। उन्होंने कहा ‘लाइफ स्टाइल डिसआर्डर’ एक बड़ा एरिया है, जिसमें आयुर्वेद अहम भूमिका निभा सकता है। डॉ.चौहान ने बताया कि आयुर्वेद हाइटेक हो चुका है और हमारी संस्था ने ग्रामीणों के लिए ‘टेलीडॉक-आयुर्वेद फॉर आल’ ऐप बनाया है।