गोदामों की दिक्कत
मिलिंग नहीं होने से गोदाम की सबसे बड़ी दिक्कत आ रही है। धान की खरीदी 15 दिन पहले से शुरू हो गई है, अब धान भंडारण के लिए दिक्कत हो रही है। क्योंकि प्रदेश के गोदामों में करीब 200 लाख मीट्रिक टन अनाज का भंडारण है। एफसीआई ने केन्द्रीय पूल का गेहूं अभी तक नहीं उठाया है, इससे भंडारण की समस्या के साथ गेहूं, धान खराब होने की संभावनाएं और ज्यादा बढ़ गई हैं।
सख्ती के बाद मिलरों ने पैदा की समस्या
पहले मिलर अपने हिसाब से धान की मिलिंग कर सरकार को चावल दे देते थे। दो वर्ष पहले बैतूल, मंडला सहित कई जिलों में केन्द्र सरकार की टीम पीडीएम में सप्लाई हो रहे चावल की जांच करने आई, तो पता चला कि पीडीएस में घटिया चावल सप्लाई किया जा रहा है। इस संबंध में सरकार से जवाब मांगा गया। सरकार ने चावल वितरण के संबंध में ईओडब्ल्यू से जांच कराकर प्रदेशभर में एक दर्जन से अधिक मिलरों और अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है । इसके बाद से मिलर धान मिलिंग करने से न नुकूर करने लगे हैं।