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भोपाल

कोर्ट में बयान दर्ज होने से पहले ही पीडि़त बच्चियों को किया ‘गायब’

अनसुलझे रह जाएंगे हैवानियत के राज

भोपालSep 19, 2018 / 01:34 am

Ram kailash napit

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भोपाल. साईं विकलांग अनाथ आश्रम में रहने वाली बच्चियों को प्रशासन ने सोमवार रात करीब नौ बजे चुपके से अलग-अलग तीन शेल्टर होम्स में शिफ्ट करा दिया है। इसकी जानकारी खजूरी थाना पुलिस तक को नहीं दी गई। सुनियोजित तरीके से बच्चियों की हुई शिफ्टिंग से सामाजिक न्याय विभाग, जिला प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। बताया गया कि पीडि़ताओं के अभी कोर्ट में 164 के बयान दर्ज होने हैं, ऐसे में बच्चियों के बारे में पुलिस को बिना जानकारी दिए अज्ञात जगह पर शिफ्ट कराना सामाजिक न्याय विभाग के अफसरों का कोई षड्यंत्र हो सकता है। जिम्मेदार अधिकारी बच्चियों की सुविधा के लिए शिफ्ट कराने की दलील दे रहे हैं।

हालांकि इसके पीछे की बड़ी वजह यह बताई जा रही कि पुलिस पीडि़त बच्चियों के अलावा भी अन्य बच्चियों के बयान दर्ज करती इसके पहले उन्हें अज्ञात जगह पर शिफ्ट करा दिया गया। सामाजिक न्याय विभाग ने अवधपुरी इलाके में अश्विनी शर्मा के मामले में 15 पीडि़ताओं को गुप-चुप तरीके से राजधानी के बाहर शेल्टर होम्स में शिफ्ट करा अपना दामन बचा लिया था। मालूम हो कि साईं विकलांग अनाथ आश्रम के संचालक एमपी अवस्थी ने आश्रम में रहने वाली मूक-बधिर बच्चे-बच्चियों का यौन-शोषण करता था। अवस्थी के साथ ही आश्रम की आया का बेटा अभिषक भी तीन बच्चियों से दुष्कर्म किया है। अब तक मामले में अवस्थी, अभिषेक समेत पांच आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।
बैंक खाते से खुलेंगे मददगारों के राज
पुलिस साईं विकलांग आश्रम के संचालक एमपी अवस्थी के बैंक खाते की डिटेल खंगालेगी। पुलिस को जानकारी मिली है कि अवस्थी को कई लोग फंड उपलब्ध कराते रहे हैं। फंड उपलब्ध कराने के पीछे के मकसद की जानकारी पुलिस जुटाएगी।

रजिस्टर में 42 लड़कियां, 28 लड़के
आश्रम से जब्त रजिस्टर्ड में 42 लड़कियों, 28 लड़कों का डाटा है। पुलिस का कहना कि बच्चियों के जो पते लिखे हैं उनमें अधिकतर बाहर की हैं। इसके अलावा भी अवस्थी कई अनाथ बच्चियों को आश्रम में रखता था। जिनका सरकार से कोई फंड नहीं मिलता था।
आश्रम सील किया पर किसी की सील नहीं
अवस्थी के आश्रम के मुख्य गेट पर ताला लगा है। ताले में कागज की एक चिट चिपकी है। जिसमें 17-09-18 के साथ समय 7:30 लिखा है, लेकिन किसी विभाग की इस चिट में सील नहीं लगी है। अब तक जिम्मेदार विभाग यह नहीं बता सके कि हॉस्टल किसने सील किया है। हॉस्टल में मंगलवार को कोई नहीं मिला।
हमने जिला कलेक्टर, संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय विभाग को दिशा-निर्देश दिए हैं, वहीं इस पूरे केस में काईवाई कर रहे हैं। कार्रवाई क्या हुई वहीं बता सकेंगे।
केजी तिवारी, आयुक्त, सामाजिक न्याय विभाग
सामाजिक न्याय विभाग से पत्र आया था। उसके आधार पर बच्चों को शिफ्ट कराया है। कुछ बच्चियों को उनके माता-पिता ले गए हैं। कुछ को अलग-अलग हॉस्टलों में शिफ्ट कराया गया है। दो-तीन बच्चों की समस्या है जो थोड़े मानसिक रूप से ठीक नहीं है। उन्हें भी शिफ्ट करवा रहे हैं।
सुदाम खाड़े, कलेक्टर
कोर्ट में पीडि़ताओं के बयान दर्ज होने बाकी है। पुलिस के पास आश्रम में रहने वाली बच्चियों के नाम-पते हैं। बच्चियों को किस जगह रखा गया है, इसकी जानकारी पुलिस सामाजिक न्याय विभाग से लेगी।
नीरज सोनी, एएसपी
बच्चों के शिफ्ट करने की सूचना पुलिस को नहीं दी है।
हरिशंकर पाण्डेय, टीआई, खजूरी थाना

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