सुरक्षा के कड़े इंतजाम: हाईकोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के द्वारा यह बताया गया है कि वोटिंग वाली ईवीएम और वोटिंग के लिए उपयोग नहीं की गई ईवीएम के लिए अलग-अलग सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे प्रदेश में मतदान के तुरंत बाद ईवीएम और वीवीपैट मशीन सील कर दी गई थीं और अब इन मशीनों को काउंटिंग के दिन खोला जाएगा। बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग 28 नबंवर को हुई थी और मतगणना 11 दिसंबर को होगी।
क्या था कांग्रेस की याचिका में: विधानसभा चुनाव में वोटिंग के दौरान कई पोलिंग बूथों पर ईवीएम के गड़बड़ी की शिकायतें थी। जिसके बाद मप्र कांग्रेस कमेटी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए कहा था कि सतना, भोपाल, सागर और खंडवा जिले में में मतदान के बाद ईवीएम मशीनों में व्यापक स्तर पर गड़बडिय़ां हुई हैं। कांग्रेस ने मांग की थी कि हाईकोर्ट अपनी निगरानी में एसआईटी गठित करे और जिन जिलों में ईवीएम की शिकायत हैं उनके गड़बडिय़ों की जांच कराए। कोर्ट में चुनाव आयोग के वकील सिद्धार्थ सेठ ने कोर्ट को बताया कि प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने 2 और 4 दिसंबर को सभी स्थानों के संबंध में बिंदुवार जांच रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग के साथ ही कांग्रेस को भी भेज दी थी। बता दें कि कांग्रेस वोटिंग वाले दिन से ही ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रही है।