यह पूरा मामला सीएम के विधानसभा क्षेत्र नसरुल्लागंज जनपद पंचायत का है। जहां के संकुल केंद्र लाडकुई के तहत आने वाले शासकीय प्रथामिक शाला सिंहपुर में बच्चों को एक्सपायर हो चुका दूध पिलाया जा रहा था।
शासकीय प्राथमिक स्कूल सिंगपुर में पढऩे वाले बच्चों को सप्ताह में 3 दिन दूध दिया जाता है। इसका सोमवार, मंगलवार और शुक्रवार दिन निर्धारित कर रखा है। बताया जाता है कि 18 जून को संकुल लाड़कुई में बैठक के दौरान पुस्तक और दूध पाउडर पैकेट का वितरण किया गया था।
शाला प्रभारी श्याम प्रजापति ने बताया कि पहली से पांचवी तक 86 छात्र छात्राएं हैं, लेकिन दूध पाउडर के पैकेट दो-तीन माह में सात से आठ ही दिए जाते हैं, जिससे कई बार दूध के बिना ही बच्चे रह जाते हैं।
मध्यान्ह भोजन के प्रभारी राजेश मेवाड़ा ने दूध पिलाने के समय एक्सपायरी डेट देखी और मुझे बताया कि एक्सपायरी डेट के दूध पैकेट होने पर बच्चों को दूध नहीं दिया गया। इसके संबंध में उन्होंने तुरंत बीएसी संतोष धनवारे को अवगत कराया।
वह मौके पर पहुंचे और दूध के पाउडर अलग रखवा दिए, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि सीएम के गृह जिले में ही यह हाल है तो अन्य जगह पर क्या होगा इसका आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। जबकि शासन ने बच्चों की संख्या बढ़ाने मिड डे मिल और दूध वितरण करने की योजना चलाई है।
4 जून की है एक्पायरी डेट…
दूध के पैकेट्स पर 4 जून 2018 एक्सपायरी डेट अंकित बताई गई है। एक महीने से अधिक समय पहले ही दूध पैकेट एक्सपायर हो चुके हैं। आनन-फानन में स्कूल प्रभारी ने पैकेट को वितरण नहीं करते हुए उनको अलग रख दिया। स्कूल प्रबंधन के अनुसार 18 जून को दूध पावडर मिलने के बाद बच्चों को यह अभी तक बांटा गया या नहीं इसका कोई जवाब नहीं है, लेकिन परिजनों को कहना है कि स्कूल में दूध अभी तक बंट रहा था।
शुक्रवार को दूध पावडर के पैकेट पर एक्सपायरी डेट देखे जाने के बाद इसे अलग रख दिया गया। अभी तक इस तरफ किसी का ध्यान क्यों नहीं गया। अफसर जरूर जांच कर कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं।
नीचे से लेकर ऊपर तक मचा हड़कंप…
एक्सायरी डेट का दूध वितरण करने का मामला उजागर होने के बाद से ही छोटे से लेकर बड़े अफसर तक में हड़कंप मच गया है। इधर बच्चों के परिजन को भी यह बात पता चली तो उनमें आक्रोश देखने को मिल रहा है। जिन्होंने इसमें लापरवाही दिखाई है उन पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। बता दे कि मिड डे मिल में भी गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं।
मामला क्या है इसका मालूम कराते हैं। वैसे दूध और मध्यान्ह भोजन जिला पंचायत के अधीन है। उन्हीं की निगरानी में वितरण होता है।
– अनिल श्रीवास्तव, डीपीसी सीहोर मामले की जानकारी नहीं है। इस तरह की बात है तो इसकी जांच कराई जाएगी। अभी में अवकाश पर हूं। मंगलवार को लौटूंगी। मामले में कहा से गड़बड़ी हुई है, इसकी जांच कराने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
– मधुलिका जोशी, एमडीएम प्रभारी