ये हैं इसके कारण
विभिन्न तरह के बैक्टीरिया और रोगाणु इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। सामान्य सर्दी-जुकाम के लिए उत्तरदायी वायरस भी कंजक्टिवाइटिस का कारण बन जाते हैं। शैम्पू और स्विमिंग पूल के गंदे पानी से स्नान भी इसका कारण हो सकता है। इस रोग की वजह अन्य चीजों या फिर आई ड्रॉप से हुई एलर्जी भी हो सकती है।
विभिन्न रूप
कंजक्टिवाइटिस के विभिन्न रूप सामने आते हैं। इसका वायरल रूप ज्यादा कॉमन है, जो एक से दूसरे शख्स में तेजी से फैलता है। इसका दूसरा रूप बैक्टीरियल है। यह एक आंख को ही ज्यादा प्रभावित करता है। इसके एलर्जिक रूप में आंखें लाल हो जाती है, जलन होने लगती हैं और नाक बहने लगता है। कॉन्टेक्ट लैंस भी इसके संक्रमण के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। इस तरह हम देखते हैं कि कंजक्टिवाइटिस की समस्या हमारे सामने विभिन्न रूपों में आती हैं।
सावधानियां
जंक्टिवाइटिस के लक्षणों से बचे रहने के लिए कुछ एहतियात बरता जाना बेहद जरूरी है। आप अपने कपड़े, मोजे, टॉवल, बिस्तर, तकिया, बेडशीट आदि को रोजाना धोएं और टॉवल, कपड़े-मोजे आदि किसी के साथ शेयर न करें। अपनी आंखों को मसलने से बचें। आंखों के मेकअप से बचे रहें और कॉन्टेक्ट लैंस की अच्छी तरीके से सफाई करें। आंखों की ड्रॉप कुछ दिनों के बाद इस्तेमाल न करें। इन सबके साथ ही धूल, धूप और धुआं से अपनी आंखों को बचाए रखें। चश्मे का इस्तेमाल करें।
आंखों की सफाई
इस रोग में आंखों की सफाई बहुत जरूरी है। आप घर पर आंखें साफ कर सकते हैं। एक बर्तन में एक गिलास पानी लेकर उसे उबाल लें, फिर गुनगुना होने तक ठंडा होने दें। साफ स्टरलाइज्ड रूई का पैकेट दवा की दुकान से लें। हाथ साबुन से अच्छी तरह धो लें। उसके बाद रूई से आंखों की गंदगी पोंछ लें। पलकों के बाल आपस में ज्यादा चिपके हुए हों तो उन्हें कुछ देर के लिए पानी से गीला करके छोड़ दें।