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भोपाल

संकट और अशांति के दौर से गुजर रहा किसान, रिपोर्ट में खुलासा

– सुशासन संस्थान की रिपोर्ट में खुलासा- प्राइस पॉलिसी बनाने की सिफारिश

भोपालJul 05, 2019 / 07:41 am

Arun Tiwari

 किसान

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भोपाल : प्रदेश का किसान संघ सरकार की नीतियों से खुश नहीं है। सरकार के अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान ने प्रदेश में किसानों की समस्याओं और उनकी अपेक्षाओं को लेकर रिसर्च की है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक किसानों को फसल की बुवाई से लेकर बेचने तक कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। लागत लगातार बढ़ रही है और फसल की कीमत उसे नहीं मिल रही। मंडी में लंबी कतारें भी उसे परेशानी का प्रमुख कारण हैं।
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किसानों को लगता है कि जब फसल कमजोर पैदा होती है तो उसे नुकसान उठाना पड़ता है और जब बंपर पैदावार होती है तो भी नुकसान उसको ही है।
ये रिसर्च तब की गई थी जब प्रदेश में शिवराज चौहान सरकार थी लेकिन जब रिपोर्ट पेश की गई तो प्रदेश में कमलनाथ सरकार आ गई। मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि उनकी सरकार में किसान प्राथमिकता पर हैं और कर्ज माफी के बाद उनका फोकस फसल के लाभकारी मूल्य दिलाने पर है।
किसान के सामने ये हैं समस्याएं :


– फसल का उचित मूल्य नहीं मिलता, लागत भी नहीं निकाल पाते किसान
– प्याज का बंपर उत्पादन हुआ तो कीमतें एक रुपए किलो पर पहुंच गईं।
– बंपर उत्पादन में सड़क पर फेंकने पड़ी प्याज और टमाटर
– मंडी में लगती हैँ लंबी-लंबी कतारें, अनाज बेचने में तीन से चार दिन तक लग जाते हैं।
– नगद भुगतान न मिलने से भी किसान बहुत परेशान हुए, बैंक से पैसे मिलने में १५-२० दिन लगते हैं।
– जीएसटी लगने के बाद कीमतों में अंतर आ गया।
फसल पैदा करने में ये समस्याएं :


– लागत लगातार बढ़ती जा रही है।
– पानी और सिंचाई सुविधाओं की कमी।
– समय पर खाद और बीज का न मिलना।
– मजदूरों की कमी।
– लगातार गिरता उत्पादन
– जंगली जानवर और प्राकृतिक आपदा से नुकसान
– पर्याप्त बिजली का न मिलना
– भंडारण की समस्या
– फसल बीमा की पॉलिसी से संतुष्ट नहीं
ये हैं किसानों की अपेक्षाएं :


– समय पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होना चाहिए।
– फसल का लागत मूल्य नहीं लाभकारी मूल्य मिलना चाहिए।
– आलू जैसी सब्जियों के लिए सब्सिडी पर कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था
– फूड प्रोसेसिंग प्लांट और फसल भंडारण की निशुल्क व्यवस्था
– फसलों का नगद भुगतान
– बिजली बिलों की माफी
– फर्टीलाइजर पर कैश सब्सिडी
किसानों के असंतोष के कारण आंदोलन :


इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि किसानों का असंतोष उनके आंदोलन की वजह बनता है। मंदसौर कांड भी किसानों की परेशानी की वजह से हुआ। किसानों ने कर्ज माफी और फसल के उचित मूल्य की मांग को लेकर ही आंदोलन छेड़ा था। सोशल मीडिया के कारण ये आंदोलन प्रदेश में फैल गया। आंदोलन इतना बढ़ा कि ये बाद में हिंसक हो गया और पुलिस फायरिंग में कुछ किसानों की मौत भी हो गया।
प्राइस पॉलिसी बनाने की सिफारिश :


सुशासन संस्थान ने प्राइस पॉलिसी बनाने की सिफारिश की है जिसमें किसानों को लागत से ज्यादा मूल्य मिल सके। फसल बीमा पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए जिसमें किसानों का जोखिम पूरी तरह कवर हो सके। फसल खरीदने की जगह-जगह व्यवस्था होनी चाहिए ताकि किसानों को मंडी तक न जाना पड़े।

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