scriptसोलर पंप से 4900 यूनिट बिजली बेंच सकेंगे किसान | Farmers will be able to get 4900 unit power benches with solar pump | Patrika News
भोपाल

सोलर पंप से 4900 यूनिट बिजली बेंच सकेंगे किसान

– कुसुम योजना : केंद्र सरकार देगी 30 फीसदी अनुदान- विद्युत नियामक आयोग करेगा टैरिफ का निर्धारण

भोपालNov 13, 2019 / 09:42 pm

anil chaudhary

solar panels will be installed at government offices of rajasthan

सौर ऊर्जा में भागीदारी निभाने को तैयार प्रदेश के सरकारी भवन, 50 मेगावाट के सोलर पैनल लगाने की तैयारी में सरकार

भोपाल. किसान सोलर पंप से अपने खेतों में सिंचाई करने के साथ ही सालाना लगभग 4900 यूनिट बिजली बेचकर अतिरिक्त कमाई भी कर सकेंगे। बिजली कंपनियों का मानना है कि किसान एक साल में सिर्फ चार माह सोलर पंप से सिंचाई करता है। बाकी आठ माह में सोलर से उत्पादित बिजली वह बिजली कंपनियों को बेच सकेगा। इसकी दर का निर्धारण विद्युत नियामक करेगा। किसानों से बिजली खरीदने और उन्हें सुविधा देने के लिए बिजली वितरण कंपनी को केंद्र सरकार परियोजना लागत का दो फीसदी कमीशन देगी। इसके लिए केंद्र ने किसान ऊर्जा सुरक्षा व उत्थान महाभियान (कुसुम -3) लॉन्च किया है।
इस योजना के पहले चरण में किसानों के उन सिंचाई पंपों को शामिल किया जाएगा, जो डीजल से चल रहे हैं। इसके अलावा उन क्षेत्रों के पंप शामिल किए जाएंगे, जहां बिजली नहीं पहुंची है या खेत में बिजली की लाइन दूर से लाई गई है। पांच हार्स पावर का सोलर पैनल लगाने में किसानों को करीब दो लाख रुपए का खर्च आएगा। इसकें केंद्र सरकार 30 फीसदी अनुदान देगी। वहीं, कुसुम-2 की तर्ज पर राज्य सरकार भी 50 फीदसी अनुदान दे सकती है।

– ये है बिजली बेचने की गणित
बिजली वितरण कंपनियों का मानना है कि किसान 365 दिन में सिर्फ 120 दिन सोलर पंप का उपयोग करता है। 245 दिन में तैयार हुई बिजली बेकार हो जाती है। पांच हार्स पावर के पैनल से हर दिन 20 यूनिट बिजली बनती है। इससे 245 दिन की 4900 यूनिट बिजली किसान ग्रिड के जरिए सरकार को बेंच सकेंगे। आयोग अगर तीन से चार रुपए पर यूनिट की दरें निर्धारित करता है तो किसानों को हर साल 18000 रुपए से अधिक की अतिरिक्त आमदनी होगी।
– बिजली कंपनी तैयार करेगी टैरिफ का प्रस्ताव
राज्य सरकार भी कुसुम-3 योजना की तैयारी कर रही है। लॉन्चिंग से पहले सरकार विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ निर्धारण के लिए प्रस्ताव भेजेगी। अभी राज्य सरकार इस तैयारी में थी कि बिजली विद्युत वितरण कंपनियां जिन दरों पर लोगों को बेच रही हैं, उसी दर पर किसानों से खरीदी जाएगी। केंद्र सरकार ने हाल ही साफ कर दिया है कि टैरिफ का निर्धारण आयोग करेगा।

 

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