पत्र में लिखा प्रबंधन उन पर पसंदीदा दवाएं लिखने का दबाव बनाता है। डॉक्टरों का कहना है वे मरीजों को वही दवाई लिखना चाहते हैं, जो उनके लिए ज्यादा उपयोगी हो, पर जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में ऐसा नहीं है। डॉक्टरों ने अस्पताल की बेहतरी के लिए सीईओ को हटाने की मांग की है।
कुछ कर्मचारियों की वेतन वृद्धि पर नाराजगी
डॉक्टरों ने अस्पताल में भेदभाव के आरोप भी लगाए। उनका आरोप है कि अस्पताल की सीईओ ने अपने पसंदीदा कर्मचारियों के वेतन में कई गुना वृद्धि की है, जबकि अस्पताल के कई डॉक्टर ऐसे हैं, जो बीते 27 सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी वेतन वृद्धि नाम मात्र की ही है। मालूम हो कि अस्पताल के एचआर विभाग के एक कर्मचारी के वेतन में इस वर्ष तीन गुना ज्यादा इजाफा किया गया है। इन कर्मचारी का वेतन 65000 से बढ़ाकर पौने दो लाख कर दिया गया।
पत्र में कहा कि अस्पताल की सीईओ का व्यवहार डॉक्टर और कर्मचारियों के प्रति बहुत खराब है। अस्पताल में डॉक्टरों की जासूसी तक की जाती है। डॉक्टरों ने विरोध दर्ज कराते हुए कहा, सीईओ ने ही अपने व्यवहार से अस्पताल की साख को धूमिल कर दिया। डॉक्टर दयनीय स्थिति में काम कर रहे हैं। डॉक्टरों के लिए ना रूम है ना ही बाथरूम। अधिकारियों के लिए लग्जरी सुविधाएं हैं।