इन सभी नए समीकरणों को देखते हुए माना जा रहा है कि कांग्रेस को मध्य प्रदेश में सीएम पद के लिए आखिरकार उम्मीदवार मिल ही गया! जो सूचनाएं आ रही है यदि उन पर यकीन किया जाए तो इसे लेकर कांग्रेस छिंदवाड़ा से नौ बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ के नाम पर विचार कर रही है। वहीं पूर्व में कमलनाथ का समर्थन पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी कर चुके हैं।
ऐसे बदले समीकरण…
ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले तक सिंधिया को इस पद के प्रमुख दावेदार माना जा रहा था, जिसे लेकर पिछले दिनों कमलनाथ भी यह कह चुके थे कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन 3300 किलोमीटर की अपनी नर्मदा परिक्रमा पूरी करने के बाद उन्होंने यह साफ कर दिया है कि वह मुख्यमंत्री बनने की रेस में नहीं हैं।
उन्होंने कहा था कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता हूं। हालांकि उन्होंने इशारा किया कि वह प्रदेश की राजनीति में बने रहना चाहते हैं। वहीं कमलनाथ को लेकर दिए गए उनके बयान ने कांग्रेस के सारे समीकरण ही बदल दिए।
वहीं जानकारों का मानना है कि कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का समर्थन मिलने से ‘कई में से एक को चुनने’ की कांग्रेस की समस्या का कुछ हद तक समाधान हो गया है।
वहीं यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दिग्विजय सिंह के पास पहले से ही एक योजना तैयार है, लेकिन इसे वह सिर्फ पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही शेयर करेंगे।
मुख्यमंत्री पद के लिए पिछले कुछ समय से कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच प्रतिस्पर्धा की खबरें सामने आ रही थी। ये तीनों ही मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रमुख नेता हैं।
अब ऐसे में कांग्रेस को सिंधिया और कमलनाथ में से किसी एक को चुनना होगा। माना जा रहा है कि सिंधिया को कांग्रेस ने अभियान समिति का प्रमुख बनाकर पार्टी का चेहरा होने का संदेश देने की कोशिश तो जरूर की जा रही है, लेकिन जानकारों के मुताबिक शिवराज के सामने कुछ मामलों में वे कम पड़ सकते हैं।
इनमें सबसे खास बात ये ही कि शिवराज सिंह चौहान को जनता के साथ उनके जुड़ाव के लिए जाना जाता है। उनकी छवि ‘माटी पुत्र’ वाली है। वहीं सिंधिया को जनता महाराजा के रूप में देखती है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि पार्टी लीडरशिप को इस बात की चिंता है कि क्या सिंधिया जैसे एक युवा चेहरे का करिश्मा शिवराज सिंह चौहान की छवि को टक्कर दे सकता है?
दूसरी तरफ राजनीति के जानकारों का मानना है कि कमलनाथ को उनकी चतुराई के लिए जाना जाता है और शिवराज से टक्कर लेने के लिए वह कांग्रेस की एक सही चॉइस हो सकते हैं।
कमलनाथ की सीएम शिवराद के आलोचकों पर भी अच्छी पकड़ है। इसके अलावा यूपीए सरकार में संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर वह अपनी स्किल्स का लोहा भी पूर्व में मनवा चुके हैं।
ऐसे में ये माना जा रहा है कांग्रेस में मध्यप्रदेश के लिए चेहरा कमलनाथ ही रह सकता है। जबकि कुछ विशेषज्ञ ये भी मान रहे हैं कि सिंधिया का चेहरा दिखाने भर से कांग्रेस को भरोसा है कि कांग्रेस एक जुटता और पूरी ताकत से मध्यप्रदेश में जीत दर्ज करा सकेगी। लेकिन सीएम अंतत: हाइकमान या विधायकों के दल से ही तय किया जाएगा।