वनों में आग, अपराधों की जानकारी देने के लिए विभाग ने फायर अलर्ट सिस्टम लगाए हैं। मोडीस सिस्टम पर आधारित यह फायर अलर्ट मैसेज सिस्टम (एफएएमएस) इसरो इमेज की मदद से विभाग को तमाम तरह की सूचनाएं देता है। चूंकि यह सिस्टम अब उतना कारगर सिद्ध नहीं हो रहा है और बार-बार खराब होकर बंद भी हो रहा है। हाल ही में एक आपरेटर की मौत के बाद उक्त सिस्टम पूरी तरह से बंद हो गया था। क्योंकि उसे चलाने के लिए दूसरे आपरेटर को ज्ञान हीं नहीं था। अब भारत सरकार के फायर अलर्ट सिस्टम की मदद ली जा रही है, जिसके लिए एक दूसरे आपरेटर को इस सिस्टम को चलाने के लिए तैयार किया गया। विभाग को इस सिस्टम सबसे ज्यादा लाभ 2010 से लेकर 2016 तक मिला है, इस दौरान इन अपराधों पर काफी नियंत्रण हुआ है। पिछले साल से यह घटनाएं निरंतर बढ़ती ही जा रही हैं, इस वर्ष चार माह के अंदर तो तीन से चार गुना बढ़ी हैं।
—एफएसआई से अब मदद ले रहा है विभाग ——–
वन विभाग एफएमएस से तौबा कर लिया है। विभाग आग की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए अब फारेस्ट सर्वे आफ इंडिया (एफएमएस) मदद ले रहा है। यह सिस्टम अत्याधुनिक है और आग की घटनाओं की संभावित जानकारी सात दिन पहले दे देगा। इस सिस्टम की कैचमेंट एरिया भी माइक्रो लेवल का है और इसका सेटेलाइट इमेज दिन में तीन बार सिस्टम को भेजेगा। जबकि पुराने वाले सिस्टम सात दिन में इमेज भेजता था और उसका कैचमेंट एरिया एक हेक्टेयर से अधिक था। इसमें एक हजार से अधिक मैसेज एक साथ भेजे जा सकेंगे। इस सिस्टम से पूरी तरह से जुडऩे के लिए वन विभाग को वनों के नक्शे एफएसआई भेज दिया है।
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पुराने सिस्टम में क्या पेंच
यह सिस्टम एक बार में अधिकतम सौ मैसेज ही भेज सकता है। इसमें जिन अधिकारियों के मोबाइल नम्बर फीड किए गए थे, उसमें डीएफओ और सीसीएफ एस्तर के थे। इन लोगों ने अपना मोबाइल नम्बर इस सिस्टम से जोड तो लिया, लेकिन बाद में इस मोबाइल नम्बर को या तो बंद कर दिया या बदल दिया। इससे उनके पास तक फायर अलर्ट एएसएमएस पहुंच ही नहीं पाता था।
—वर्ष —-आग से प्रभावित एरिया –आग की घटनाएं , एरिया हेक्टेयर में
2008——–62740————–4859
2009——–39921————–5590
2010——–23030————–3298
2011——–19324————–3632
2011——–19324————–3632
2012——–15086————–3181
2013——–5046————–1129
2014——–1193————–404
2015——–228————–67
2016——–1989————–663
2017——–17553————–10338
2018——–10235————–1304
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वन अपराधों की ये स्थिति (अवैध कटाई, अवैध चराई, अवैध परिवहन, अतिक्रमण, अवैध उत्खनन शामिल हैं )
2012——–64910
2013——–62393
2014——–60411
2015——–56174
2016——–56716
2017——–66542
2018——–11219
अपराध और आग की संख्या पिछले कई सालों की तुलना में बढ़ी है। इस संबंध में सभी मैदानी अधिकारियों को अवगत कराया गया है। जहां तक फायर सिस्टम की बात है तो वह काम कर रहा है। अब तो वनों में आग और अपराध की जानकारी के लिए भारत सरकार के संस्थान एफएसआई का सहारा ले रहे हैं।
वीके मिश्रा,
एपीसीसीएफ, वन संरक्षण वन विभाग
अब भारत सरकार के फायर अलर्ट सिस्टम से पूरे वन क्षेत्रों को जोड़ा गया है। यह सिस्टम छोटी-से छोटी आग की घटनाओं की जानकारी भेजता है। इस सिस्टम के माध्यम से विभाग आग की जानकारी बीट गार्ड तक भेज सकेगा।
अनुराग श्रीवास्तव, एपीसीसीएफ आईटी शाखा वन विभाग