यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग के चलते यह ट्रेन निर्धारित समय 45 मिनट की देरी से शाम 3.45 बजे रवाना हुई। इस दौरान जिला प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर ये सभी यात्रियों को फूड पैकेट्स, पानी की बोतल व मास्क नि:शुल्क मुहैया कराया गया।
पैसे बिहार पहुंचने पर रिफंड करेंगे
जिला प्रशासन ने बताया कि यह पहली नॉन श्रमिक स्पेशल ट्रेन है। यह ट्रेन बिहार सरकार के आग्रह पर मप्र शासन और भोपाल रेल मंडल ने चलाई है। बिहार सरकार ने कहा है कि अन्य प्रदेशों से बिहार लौटने वाले यात्री टिकट खरीदकर बिहार आ जाएं। यहां पहुंचने पर उन्हें टिकट की राशि सरकार वापस कर देगी।
575 रुपए लेकर टोकन दिया गया
ऐसे में प्रदेश के विभिन्न जिलों में 23 मई को यात्रियों को टिकट की राशि 575 रुपए लेकर टोकन दिया गया। जिसे स्टेशन पर दिखाकर टिकट मिला। वहीं कुछ लोग ऐसे भी थे जिनके पास टिकट खरीदने के पैसे नहीं थे, उनकी मदद संबंधित जिला प्रशासन व कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं ने की।
इस बार ट्रेन में ही मनाएंगे ईद
इस ट्रेन में प्रदेश में चल रहे कई मदरसों के करीब 140 बच्चे और ईमाम भी बिहार के लिए निकले। इस दौरान छिंदवाड़ा स्थित गरीब नवाज मस्जिद के ईमाम शमीम अख्तर ने बताया कि हम कल शाम तक अपने घर पहुंच पाएंगे। ऐसे में हमारी ईद तो ट्रेन में ही होगी। रास्ते में राज्य शासन द्वारा जो भी खाने को दिया जाएगा उसी के साथ ईद मनाएंगे।
सीट को लेकर यात्रियों में बहस, आरपीएफ ने संभाली स्थिति
दोपहर 3 बजे के आसपास कुछ कोच में सीट को लेकर बहस होने लगी। यात्री आपस में झगड़ने लगे। इस दौरान आरपीएफ कमांडेंट बी. रामा कृष्णा ने खुद हस्तक्षेप कर मामला सुलझाया। आरपीएफ ने सभी कोच में अनाउंसमेंट किया कि यात्री टिकट पर लिखे कोच व सीट नंबर के हिसाब से ही बैठें, तब जाकर स्थिति काबू में आई और यात्री अपनी सीट पर बैठ सके।