ध्रुपद जुगलबंदी से होगी शुरुआत: 25 नवम्बर 2017- पहले दिन के खास आकर्षण में गुंदेचा बन्धुओं की ध्रुपद जुगलबंदी रहेगी। इसके अलावा अमृत लाल वेगड़ का वक्तव्य, ध्रुपद संस्थान के कलाकारों का नदी सप्तक का गायन, विहान ग्रुप के मार्गी बैंड के कलाकारों द्वारा नदी गीतों की प्रस्तुति और नदियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी ‘छवि सरिता’ का शुभारम्भ होगा।
26 नवम्बर 2017- इसके तहत दोपहर में जहां फिल्म प्रदर्शन ‘आदिगुरु शंकराचार्य’ का प्रदर्शन होगा, वहीं दूसरी ओर शाम को कविता पाठ होगा। इसमें कवि रमेशचन्द्र शाह (हिन्दी), प्रयाग शुक्ल (हिन्दी), नरेश सक्सेना (हिन्दी), निरुपमा दत्त (पंजाबी), नीलिम कुमार (असमिया), सुतपा सेनगुप्ता (बांग्ला), कल्पना दुधाल (मराठी) शामिल होंगे।
27 नवम्बर
27 नवम्बर
तीसरे दिन नाटक ‘नदी गायब है’ का मंचन किया जाएगा। इसकी प्रस्तुति शिमला की अभिनय दर्पण के कलाकार रूपेश बाली के निर्देशन में देंगे।
29 नवम्बर सबसे पहले नदियों पर वृत्तचित्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद ‘नदी की संस्कृति और संस्कृति की नदी’ विषय पर डॉ राधावल्लभ त्रिपाठी, डॉ कपिल तिवारी का वक्तव्य होगा। साथ ही मंजरी काले द्वारा गोदावरी, कावेरी, कृष्णा, नर्मदा आदि नदियों पर गायन किया जाएगा।
30नवम्बर
29 नवम्बर सबसे पहले नदियों पर वृत्तचित्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद ‘नदी की संस्कृति और संस्कृति की नदी’ विषय पर डॉ राधावल्लभ त्रिपाठी, डॉ कपिल तिवारी का वक्तव्य होगा। साथ ही मंजरी काले द्वारा गोदावरी, कावेरी, कृष्णा, नर्मदा आदि नदियों पर गायन किया जाएगा।
30नवम्बर
पांचवे दिन नदियों पर आधारित गीतों नृत्य नाटिका और गायन होगा। इसमें स्वाति उखले साथी कलाकारों के साथ मालवी में नदी गीतों का गायन करेंगी, वहीं मणिमाला सिंह और साथी कलाकार बघेली में नदी गीतों का गायन करेंगे। इसके अलावा मनीषा अभय और साथी कलाकार कथक नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगे।
1 दिसम्बर 2017- इसमें गीत चतुर्वेदी विश्व कवियों की नदियों पर केन्द्रित कविताओं का पाठ करेंगे। साथ ही ‘पुनर्पाठ’ के तहत प्रज्ञा रावत, आनंद सिंह, विनय उपाध्याय, सुनीता सिंह हिंदी के कालजयी कवियों की नदियों पर केन्द्रित कविताओं का पाठ करेंगे।
2 दिसम्बर
2 दिसम्बर
अंतिम दिन प्रख्यात गायक पंडित राजन-साजन मिश्र का गायन होगा।