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भोपाल

पहली बार आयोजन, परिचय के बाद बंधेंगे परिणय सूत्र में

हमसफर के गुजर जाने या विवाद के चलते अलग हो जाने पर अकेले जिंंदगी गुजार रहे लोगों को जीवन साथी तालाशने का मौका मिलेगा।

भोपालApr 16, 2018 / 02:29 pm

शकील खान

Akshaya Tritiya child marriage pandit Qazi Enter the case

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भोपाल. हमसफर के गुजर जाने या किसी विवाद के कारण दूर हो जाने के बाद अकेले जिंदगी गुजार रहे महिला और पुरूषों को फिर से कोई सहारा मिल सके इसके लिए मसाजिद कमेटी ने पहल की है। इसके लिए २२ अप्रैल को तआरूफी जलसे का आयोजन किया जा रहा है। ये पहली बार है जब राजधानी में मुस्लिम समाज के लिए इस तरह का आयोजन होने जा रहा है।

शहर काजी की सदारद में ये आयोजन होगा। ये पहली बार है जब कमेटी के जरिए इस तरह का आयोजन हो रहा है। इसमें राजधानी सहित आसपास के जिलों से लोगों के शामिल होने की संभावना है। विधवा, तलाक़ शुदा मर्द और ख्वातीन के लिए ये आयोजन किया जा रहा है। इसमें ऐसे लोगों को परिवार सहित बुलाया गया ताकि वे आपस में परिचय कर सके। इस दौरान जिन परिवारों के बीच रिश्ते की बात हो जाती है। उनके निकाह भी कराए जाएंगे। इसके लिए १२ मई को आयोजन रखा गया है।
कमेटी के सचिव यासिर अराफात के मुताबिक ये पहला आयोजन है। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य अकेले जीवन गुजार रहे लोगों को जीवन साथी की तलाश करना है। आयोजन से जुड़े मौलाना मोहम्मद मंसूर आलम जामई ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए प्रक्रिया अभी चल रही है। तलाकशुदा, विधवा, विदुर जो भी हो फोन नंबर ९४२५६७३४६४ या ०७५५२५३०२४२ पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

परिचय सम्मेलन पहली बार, अब तक
हुए इज्तिमाई निकाह के आयोजन
राजधानी में मुस्लिम समाज में परिचय सम्मेलन पहली है। इससे पहले तक इज्तिमाई निकाह के कई आयोजन हो चुके हैं। उलेमा मौलाना मंसूर के मुताबिक ये एक अच्छी पहल है। अपने बच्चें की शादी के लिए परेशान हो रहे कई परिवारों को इससे मदद मिलेगी। वहीं ऐसे लोगों को भी जीवन साथी मिलेगा जो अकेले जीवन गुजार रहे हैं।

फिजूल खर्ची रोकने इज्तिमाई आयोजन
उलेमा के मुताबिक शादी और इस तरह के कई आयेाजन गैर जरूरी खर्च किया जा रहा है। लोग इसे स्टेटस सिंबल की तरह मानने लगे हैं। जबकि फिजूल खर्ची के लिए शरीयत में मनाही है। इसे रोकने के लिए ही इज्तिमाई निकाह के आयोजन होते हैं। ताकि एक ही जगह पर कई जोड़े शादी के बंधन में बंध सके।

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