मरी हुई मछलियां पड़ी हुई है
इसके बाद नगर पालिका के अमले ने करीब एक ट्रॉली मछलियां बाहर निकालकर उन्हे दूर ट्रैचिंग ग्राउंड के पास जमीन में दफन करा दिया। वहीं तालाब में अभी भी बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां पड़ी हुई हैं।
रिपोर्ट तहसीलदार को देंगे
स्थानीय पार्षद राकेश लोवंशी ने तालाब के पानी की जांच कराने की मांग की है ताकि इस पानी से कोई जनहानि न हो। तालाब में मछलियां मरने की जानकारी मिलने पर राजस्व विभाग के पटवारी भगवानदास चौहान ने बताया कि मौके पर पहुंचकर पंचनामा बनाया है इसकी रिपोर्ट तहसीलदार को देंगे।
तालाब में केमिकल मिलने का अंदेशा-
तालाब में मत्स्यपालन के ठेकेदार ने बड़े पैमाने पर मछलियों के मरने पर आशंका व्यक्त की है कि सीवेज के पानी के साथ केमिकल मिलने से यह हालात बने हैं। नेता प्रतिपक्ष सुशील शर्मा ने बताया कि यह किसी साजिश का हिस्सा लग रहा है जिससे कोई बड़ी जनहानि भी हो सकती है। इसे नगर प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
इनका कहना है-
सतलापुर तालाब में बड़े पैमाने पर मछलियों के मरने की जानकारी मिली थी, साफ-सफाई अमले को भेजकर तालाब से मछलियों को निकलवाकर डिस्पोज करा दिया है, वहीं पानी के नमूना लेकर जांच के लिए भेजेंगे।
केएल सुमन, नपा सीएमओ
मछलियां मरने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सामान्य तौर पर जब पानी में ऑक्सीजन कम हो जाती है तो मछलियों को गिल्स से ऑक्सीजन मिलने में परेशानी होने लगती है और वे मर जाती हैं। ऐसा बडी मात्रा में गंदगी मिलने से होता है। इसके साथ कोई जहरीला केमिकल भी बडी संख्या में मछलियों को मार सकता है।
— सुभाष सी पांड,पर्यावरणविद