भोपाल

Video मध्यप्रदेश में बाढ़ के हालात, सात जिलों में राहत-बचाव का काम शुरू, लोगों को घरों से निकाला

पचमढ़ी का दौरा बीच में छोड़ लौटे सीएम शिवराजसिंह चौहान, बाढ़ के हालातों की कर रहे समीक्षा, नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे के निशान के पार

भोपालAug 16, 2022 / 05:51 pm

deepak deewan

भोपाल. मध्यप्रदेश में लगातार कई घंटों की तेज बरसात के कारण नर्मदा उफान पर है. नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे के निशान के पार हो गई है. यहां नर्मदा खतरे के निशान से दो फीट ऊपर बह रही है. इसके साथ ही चंबल, बेतवा, ताप्ती, शिप्रा के अलावा छोटी नदियां और नाले भी उफनाए हुए हैं। प्रदेश के कई बांधों के गेट खोलने पड़े हैं, कई जिलों में स्कूलों की छुट्‌टी कर दी गई है। कई जिलों में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पहुंच चुकी हैं. राज्य के विदिशा, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, भोपाल और जबलपुर में बाढ़ के हालातों से निपटने के लिए केंद्र और राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन की टीमें भेजी गई हैं. इधर मौसम विभाग ने भी प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में शाम तक बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। गुना, राजगढ़, आगर मालवा, रतलाम, नीमच और मंदसौर जिलों के लिए अलर्ट जारी किया गया है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में मुख्यमंत्री सिंह ने अधिकारियों से बाढ़ के हालातों से निपटने और हर हाल में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए निर्देशित किया.
प्रदेश में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा रायसेन में 7 इंच बारिश रिकॉर्ड हुई। यहां की निचली बस्तियों में पानी भर गया है. राजधानी भोपाल में भी दो दिन से लगातार बारिश के कारण तीनों बांध कलियासोत, भदभदा और कोलार पानी से लबालब हो चुके हैं. इन तीनों बांधों के गेट खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है। भोपाल में पिछले 24 घंटे में 5 इंच पानी गिर चुका है। अशोकनगर, इंदौर जिला, ग्वालियर और जबलपुर जिले में भी लगातार बारिश हो रही है। अशोकनगर में बेतवा पर बने राजघाट बांध के सभी 18 गेट खोले गए हैं। मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को जोड़ने वाले रास्ते पर 8 फीट पानी है जिसके कारण रोड पर ट्रैफिक रोक दिया गया है।
नर्मदापुरम में भी लगातार बरसात के कारण हाल बेहाल हो चुके हैं. यहां नर्मदा उफान पर है. नर्मदा खतरे के निशान के बिल्कुल करीब बह रही है। निचली बस्तियों में पानी आ चुका है। लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया जा रहा है। तवा डैम के 9 गेट 12 फीट तक खोलकर पानी छोड़ा जा रहा है जोकि नर्मदा में मिल रहा है। जिले में सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों की छुट्‌टी कर दी गई है। नर्मदापुरम शहर का हरदा और बैतूल से संपर्क टूट चुका है।औबेदुल्लागंज.-बैतूल नेशनल हाईवे पर सुखतवा नदी के पुल पर पानी है जिससे एनएच 69 कई घंटे से बंद है। नर्मदापुरम-हरदा स्टेट हाईवे पर हथेड़ नदी पर बाढ़ का पानी आने से मार्ग बंद हो गया।
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विदिशा में अभी NDRF की 2 टीम और SDERF की 2 टीम मौजूद है. नर्मदापुरम में NDRF की 1 टीम और SDERF की 3 टीम मौजूद है। रायसेन, सीहोर और हरदा में SDERF की 1 टीम मौजूद है और 2 टीम रिजर्व में है. भोपाल और जबलपुर में NDRF की 1 टीम रिजर्व में है। आज देर शाम तक NDRF और SDERF की अतिरिक्त टीमें उपरोक्त जिला में तैनात कर दी जायेंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह विदिशा कलेक्टर से चर्चा कर विदिशा में नदियों के बढ़ रहे जलस्तर पर चिंता व्यक्त की थी. लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के जिला प्रशासन को निर्देश दिए थे. अब तक विदिशा जिले में लगभग 200 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. मिल रही सूचनाओं के आधार पर विदिशा में रेस्क्यू का काम जारी है. सुबह विदिशा की तहसील गुलाबगंज के ग्राम बर्री से जिला प्रशासन और होमगार्ड के जवानों ने बेतवा नदी से 6 लोगों को रेस्क्यू किया.’ग्राम बैरागढ़ तहसील लटेरी में टैम नदी से 12 लोगों को रेस्क्यू किया है. विदिशा शहर के नौलक्खी से बेतवा के जलस्तर बढ़ने से 107 लोगों को रेस्क्यू किया है. रंगाई से 27 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। ग्राम पमारिया तहसील नटेरन में संजय सागर डैम के कैचमेंट एरिया में पानी आ जाने से 32 लोगों को रेस्क्यू किया है. बासौदा में पाराशरी नदी से 17 लोगों को रेस्क्यू किया गया है.
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इधर बाढ़ के हालात बनने के कारण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को पचमढ़ी से लौटना पड़ा है. उन्हें वहां दो दिन रुकना था लेकिन वे दौरा छोड़कर लौट आए हैं.. मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदापुरम में सेठानी घाट का भी निरीक्षण किया. यहां उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग में लगातार तेज बारिश के कारण नर्मदा और बेतवा में जलस्तर बढ़ रहा है। हम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरंतर बांधों में जलभराव की स्थिति की समीक्षा कर नियंत्रित तरीक़े से गेट खोलकर नर्मदा और बेतवा के जलस्तर को सामान्य रखने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही वर्षा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और निरंतर स्टेट सिचुएशन रूम के संपर्क में हूं। लगातार बारिश के कारण बरगी, बारना, तवा डैम के गेट खोलने के कारण नर्मदा नदी का जल स्तर बढ़ा है। हम डैम से रेगुलेट कर पानी छोड़ रहे हैं जिससे कोई अप्रिय स्थिति ना बने।
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इस बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में मुख्यमंत्री सिंह ने अधिकारियों से बाढ़ के हालातों से निपटने और हर हाल में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने राज्य के कई जिलों में रेस्क्यू में लोगों को बचाने के लिए प्रशासनिक मशीनरी की प्रशंसा भी की. उन्होंने रायसेन कलेक्टर से कहा कि ध्यान रखें, बारना के ऊपर बरगी का पानी जाने से इफेक्ट पड़ेगा। उसके लिए व्यवस्था कर लें। सीएम ने बताया कि भोपाल के प्रमुख डैम से डिस्चार्ज कम हो रहा है जिससे विदिशा में अब आगे समस्या होने की संभावनाएं कम है. उन्होंने कहा कि हमने 80 प्रतिशत पानी के ही भंडारण का निर्णय किया। 20 प्रतिशत की गुंजाइश छोड़ी है। मौसम के पूर्वानुमान हमेशा एक्यूरेट नहीं होते, इसलिए तैयारी पूरी रखें। बैठक में एसीएस राजेश राजौरा में प्रदेश में वर्तमान और आगामी दिनों में वर्षा की स्थिति और एसडीआरएफ व एनडीआरएफ सहित सुरक्षा बलों की स्थिति से अवगत कराया. एसीएस एसएन मिश्रा ने प्रदेश के बांधो में वर्तमान जलस्तर एवं वहां से छोड़े जा रहे पानी की जानकारी से अवगत कराया. चंबल में डाउनस्ट्रीम में कोई अप्रिय स्थिति नहीं बनेगी लेकिन इसकी तैयारी है।
सीएम के निर्देश
– सावधानी के तौर पर जहाँ जरूरत हो, वहाँ से लोगों को तुरंत निकालें।
– प्रभावित क्षेत्रों में जिन गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी अगले 2-4 दिनों में ड्यू है, जिला प्रशासन उन्हें अस्पतालों में शिफ्ट करने का काम प्रमुखता से करे।
– जनप्रतिनिधियों को भरोसे में लें, इनका रोल बहुत महत्वपूर्ण है।
– सभी छोटे.बड़े डैम को चैक करा लें।
– बांधों की मॉनिटरिंग रोज करें।
– 19 से 23 अगस्त तक भी हमारी सभी टीमें तैयार रखें।
– ये न हो कि जरूरत पड़ने पर वोट न मिले या उसका इंजन ही चालू न हो।’
– हमारी माइक्रो और डीटेल्ड प्लानिंग होना चाहिए।
कलेक्टर द्वारा दी गई जानकारी
विदिशा कलेक्टर- बेतवा की सहायक नदियों का पानी कम नहीं हुआ है जिससे 19 गांव प्रभावित हैं। 300 से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया है। 3-4 घंटे में पानी कम होगा। शहर में नौलखी और रंगई में रोड पर बेतवा का पानी आ गया था। हमने 450 लोगों का रेस्क्यू किया है जो बेतवा के किनारे पर थे। 7 में से 1 को छोड़कर सभी डैम भर गए हैं। हमारी सभी जगह टीमें तैनात हैं।
सीहोर- नर्मदा नदी का लेवल अभी नीचे है। नर्मदा के किनारे के गाँवों में समझाइश दे रहे हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है।

बालाघाट- अभी पानी कम हुआ है। हमने लोगों का रेस्क्यू कर सामुदायिक भवन में रोका है। खोटी गाँव में भी लोगों को शिफ्ट किया है। 6 गाँव संपर्क से टूटे हैं लेकिन स्थिति सामान्य है।
रायसेन- बारना से डिस्चार्ज बहुत कम हो गया है। बरगी के डिस्चार्ज से यदि बैकवॉटर भरता है तो हमारी पूरी तैयारी है। हमने निचले इलाकों से तीन गर्भवती महिलाओं को अस्पताल शिफ्ट किया है। हमारे पास सारे आवश्यक उपकरण हैं।
भोपाल- कलियासोत और भदभदा के हमने गेट कम कर लिए हैं। कलियासोत में 6 गेट और भदभदा में 4 गेट खुले हैं। पानी का बहाव अब कम होगा।

राजगढ़- ब्यावरा में हमने 35 परिवारों को निकाला था और आज 60 परिवारों को निकाला है। नरसिंहगढ़ में भारी बारिश हुई। हम मोहनपुरा में पानी के बहाव को रेग्युलेट कर रहे हैं।
नरसिंहपुर- स्थितियाँ सामान्य हैं, बाढ़ की स्थिति कहीं नहीं है। हम नजर रखे हुए हैं। नर्मदा नदी का पानी खतरे के लेवल से 4 मीटर नीचे है।

जबलपुर’- नर्मदा नदी में फ्लड के कारण कोई अप्रिय स्थिति नहीं है।
अब कैसा रहेगा मौसम
नर्मदापुरम और भोपाल संभाग में अभी भारी बारिश की आशंका नहीं है। बंगाल की खाड़ी में बन रहे नए कम दबाव के क्षेत्र के कारण पूर्वी और मध्य मध्यप्रदेश में 19 से 23 अगस्त को बारिश का एक दौर और आएगा।’
बांधों की स्थिति
– बरगी के 21 गेट खुले हैं
– तवा के 13 में से 5 गेट खुले हैं।
– ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर बांध के गेट खुले हुए हैं।
– कलियासोत, केरवा डेम व हथाईखेड़ा से बेतवा में पानी जा रहा है।

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