scriptवन मंत्री सिंघार का आरोप : नर्मदा किनारे पौधरोपण में शिवराज सिंह ने किया 450 करोड़ का घोटाला | Forest Minister Singhar's charge: Shivraj Singh scam of 450 crores in | Patrika News
भोपाल

वन मंत्री सिंघार का आरोप : नर्मदा किनारे पौधरोपण में शिवराज सिंह ने किया 450 करोड़ का घोटाला

वन मंत्री सिंघार का आरोप : नर्मदा किनारे पौधरोपण में शिवराज सिंह ने किया ४५० करोड़ का घोटाला
कहा, ईओडब्ल्यू से जांच कराने के लिए की अनुशंसा

भोपालOct 12, 2019 / 09:25 am

Ashok gautam

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भोपाल। वन मंत्री उमंग सिंघार ने आरोप लगाया है कि प्रदेश में तत्कालीन भाजपा सरकार ने दो जुलाई 2017 को नर्मदा किनारे पांच करोड़ पौधे लगाने के नाम पर ४५० करोड़ का घोटाला किया है। उन्होंने कहा कि अपने आप को नर्मदा पुत्र बताने वाले पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार, तत्कालीन बल वन प्रमुख सहित अन्य अधिकारी की मिली भगत से यह घोटाला हुआ है।

वन मंत्री सिंघार ने शुक्रवार को वन विभाग के रेस्ट हाउस में पत्रकारर्वा के दौरान यह गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि मेरे विभाग के तत्कालीन बल प्रमुख, अनिमेश शुक्ला, पीसीसएफ वाय सत्यम, प्रधान मुख्य वन संरक्षक बीबी सिंह घोटाले में शामिल हैं। वन मंत्री ने कहा कि मैंने करोड़ों के पौधरोपण घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू से कराने की अनुसंशा की है।

उन्होंने बताया कि पौधरोपण में चार विभाग शामिल थे, जिसमें हाटीकल्चर, वन, पंचायत, कृषि, जन अभियान परिषद शामिल हैं। इसमें वन विभाग द्वारा सवा दो करोड़ पौधे लगाए गए थे इसमें 135 करोड़ का घोटाला हुआ है।

उन्होंने बताया कि बैतूल में पौधरोपण का दावा 15625 पौधे रोपण करने का दावा किया गया था। यहां पौधों के जीवितता का प्रतिशत 70 बताया गया था, लेकिन जांच में मात्र 14 प्रतिशत ही पौधे जीवित पाए गए। गड्ढे ही नहीं खोदे गए थे। यह सुनियोजित तरीके का आर्थिक घोटला है।

मैदानी अमले ने किया था विरोध

सिंघार ने कहा कि मैदानी वन अमले ने एक माह में ५ करोड़ पौधे लगाना संभव ही नहीं है। ये बात मुझे खुद तत्कालीन डीएफओ सहित वन अमले ने बताई है। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व वन मंत्री के दबाव के चलते फर्जी पौध रोपण किया गया। वन मंत्री ने कहा कि गिनीज वल्र्ड रिकॉड बनाने के नाम पर ५ करोड़ खरीदने के आदेश देकर ७ करोड़ पौधें खरीदना बताए गए। एेसे में आनन फानन में दूसरे राज्यों से 50 रुपए के पौधे 200 से 300 रूपए में खरीदे गए।

फाइलें की गई गायब

मंत्री ने आरोप लगाया कि इस घोटालें फाइल भी गायब कर दी गयी। इसलिए अब तत्कालीन मुख्यमंत्री, वन मंत्री और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आदेश दिए गए हैं।
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