एक दशक पहले दर्ज होने शुरू हुए कोल्ड डे पहले मौसम विभाग सर्दियों में शीत लहर दर्ज करता था, लेकिन दिन में तापमान बेहद कम रहे तब भी शीतल दिन जैसी अवधारणा नहीं थी। तब तक गर्मियों में अधिकतम तो सर्दियों में न्यूनतम तापमान पर ही ध्यान दिया जाता था और ठंड के दिनों में अधिकतम तापमान के घटने-बढऩे पर फोकस नहीं था।
मौसम केन्द्र के पूर्व संचालक डीपी दुबे ने बताया कि, लगातार यह बात सामने आने लगी कि कई दिनों में भी तापमान बेहद नीचे जा रहा है। उन दिनों भी कई बार अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से काफी नीचे चला जाता था, कई बार मावठा गिरने पर दिन का तापमान 10-11 डिग्री तक चला जाता था, सर्दी बहुत महसूस होती थी,
अन्य दिनों की अपेक्षा सर्दी भी अपेक्षाकृत ज्यादा महसूस होती थी। इसके बाद मौसम विभाग ने सर्दियों में न्यूनतम के साथ अधिकतम तापमान को भी महत्वपूर्ण मानते हुए कोल्ड डे और सीवियर कोल्ड डे की परिभाषा तय की।
यह है कोल्ड डे और सीविसर कोल्ड डे की परिभाषा सर्दियों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से कम रहने के बाद यदि दिन के समय अधिकतम तापमान सामान्य स्तर से पांच डिग्री नीचे चला जाए तो कोल्ड डे या शीतल दिन और सामान्य से सात डिग्री नीचे जाने पर सीवियर कोल्ड डे या तीव्र शीतल दिन माना जाता है। इस माप के तय होने के बाद जनवरी 2012 में पांच दिन शीतल दिन दर्ज किए गए जो पिछले दशक और अब तक के रिकार्ड में सबसे ज्यादा है। जबकि इस वर्ष जनवरी में पांच कोल्ड डे हो चुके हैं।
दोपहर 12 बजे तक रहा कोहरा, ऐसी रही दृश्यता सुबह 5 बजे- 400 मीटर सुबह 5.30बजे – 100 मीटर सुबह 9 बजे -100 मीटर सुबह 9.30 बजे- 200 मीटर सुबह 10.30 बजे- 300 मीटर
सुबह 11.00 बजे- 600 मीटर सुबह 11.30 बजे- 800 मीटर ————— अधिकतम तापमान-17.4 डिग्री सामान्य से आठ डिग्री कम न्यूनतम तापमान- 8.0 डिग्री सामान्य से तीन डिग्री कम