पूरा दिन खुशनुमा हो जाता है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव की पत्नी रुचि ने बताया कि मेरे दिन की शुरुआत पौधों को पानी देने से होती है। सुबह की ताजगी से मेरा पूरा दिन अच्छा जाता है। मैं अलग-अलग सीजन में अलग-अलग तरह की सब्जियां उगाती हूं। यहां ब्रोकली, बीन्स, मटर भी लगाए हैं। साथ ही फलदार पौधे भी लगे हैं। दिन का काफी समय मैं अपने पौधों के साथ बिताना पसंद करती हूं।
खुद करती हूं कंपोस्टिंग
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शिल्पा लांबोर ने बताया कि मुझे आठ साल से गार्डनिंग का शौक है। मैंने अपने टैरस पर गार्डन डेवलप किया है और खुद ही इसकी देखभाल करती हूं। मैंने कोई माली नहीं रखा है। घर में जितना भी ग्रीन वेस्ट निकलता है उससे ही कंपोस्टिंग करती हूं। हरियाली होने से घर की सुंदरता में चार चांद लग गए हैं। गार्डनिंग को लेकर मैंने अपना एक यूट््यूब चैनल भी बनाया हुआ है, इसके माध्यम से मैं लोगों को अवेयर भी करती हूं।
20 प्रकार के पौधे लगाए हैं
लोक निर्माण विभाग सचिव आरके मेहरा की बेटी आकृति ने बताया कि मुझे संगीत के साथ पौधों से विशेष लगाव है। घर में गार्डन के साथ किचन गार्डन भी खुद तैयार किया है। मुझे प्रकृति के साथ समय बिताना बहुत पसंद है। इनके मुझे आत्मीय शांति मिलती है। क्योंकि संगीत और पेड़ों का एक रिश्ता होता है। मैं हर दिन इन पौधों की देखभाल करती हूं। मैंने अपने गार्डन में 20 प्रकार के पौधे लगाए हुए हैं।
बगिया में लगाए डेकोरेटिव पौधे
स्मार्ट सिटी भोपाल के इंजीनियर रीतेश शर्मा ने बताया कि सिंगिंग, राइटिंग के बाद गार्डनिंग भी मेरी हॉबी है। ऑफिस से जब भी समय मिलता है तो अपने गार्डन में पौधों की देखभाल करता हूं। गार्डन में डेहलिया, गेंदा, सन फ्लॉवर, गुलाब और पिटूनिया के पौधे लगाए हैं। साथ ही यहां परमानेंट डेकोरेटिव पौधे जैसे एरिका पॉम, क्रोटन, रातरानी के साथ अमरूद, आम, चीकू, नींबू, पपीता के पेड़ भी लगाए हैं। नियमित देखभाल के साथ निराई-गुड़ाई, खाद, और छटाई भी खुद ही करता हूं। मेरी पत्नी डॉ. प्रज्ञा एक निजी विवि में डीन है, वे भी गार्डनिंग में मेरी मदद करती हैं।